UP: चित्रकूट और विंध्यवासिनी मंदिर का जल्द होगा विकास, कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला

UP: योगी सरकार ने अब चित्रकूट और विध्यवासिनी मंदिर क्षेत्र को और अधिक विकसित करने की योजना बनाई है। प्रस्तावित प्रायोजना से चित्रकूट और विंध्यवासिनी मंदिर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-25 16:13 GMT

लोकभवन से कैबिनेट मीटिंग करके बाहर आते मंत्री (Photo-Social Media)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार हिन्दू धार्मिक तीर्थस्थलों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की अपनी योजना को लगातार आगे बढ़ने का काम कर रही है। इसी दिशा में योगी सरकार ने अब चित्रकूट और विध्यवासिनी मंदिर क्षेत्र को और अधिक विकसित करने की योजना बनाई है। प्रस्तावित प्रायोजना से चित्रकूट और विंध्यवासिनी मंदिर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

साथ ही, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के लिए उत्तर प्रदेश विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2021 को विधान मण्डल में प्रस्तुत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल ने इसका फैसला लिया। मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2021 को विधान मण्डल में प्रस्तुत किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कहा गया कि चित्रकूट की विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय तथा स्थापत्य सम्बन्धी विरासत की सौंदर्यपरक गुणवत्ता को परिरक्षित करने, विकसित करने तथा अनुरक्षित करने की योजना तैयार करने, ऐसी योजना के क्रियान्वयन का समन्वय एवं अनुश्रवण करने और क्षेत्र में एकीकृत पर्यटन विकास तथा विरासत-संरक्षण एवं प्रबन्धन हेतु संगत नीतियां विकसित करने, जिला चित्रकूट के किसी विभाग स्थानीय निकाय प्राधिकरण को चित्रकूट क्षेत्र के विरासतीय संसाधनों को प्रभावित करने वाली या सम्भावित रूप में प्रभावित करने वाली किसी योजना, परियोजना या किसी विकासगत प्रस्ताव के सम्बन्ध में परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश और उससे सम्बन्धित या आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए उत्तर प्रदेश श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया जाना प्रस्तावित है।


पुराणों में विन्ध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है। माँ विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। देश के 51 पीठों में से माँ विन्ध्यवासिनी ही पूर्णपीठ है। माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मंदिर विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य पतित पावनी गंगा नदी पर स्थित है। माँ विन्ध्यवासिनी के दर्शन के लिए पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। चैत्र व शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां देश के कोने-कोने से लाखों संख्या में श्रद्धालु माँ विन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन के लिए आते हैं। देश के 51 शक्ति पीठों में से माँ विन्ध्यवासिनी शक्तिपीठ की सबसे खास बात यह है कि यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन प्रमुख देवियां विराजमान हैं। कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली देवी तथा अष्ठभुजा पहाड़ी पर अष्ठभुजा देवी विराजमान हैं। दोनों के केन्द्र में माँ विन्ध्यवासिनी देवी हैं।

प्रस्तावित प्रायोजना से मीरजापुर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। 

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