UP News: यूपी बोर्ड परीक्षाओं में बड़ा बदलाव, अब छात्रों को नहीं पढ़ाया जाएगा मुगलों का इतिहास

UP News: शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रकाशित एनसीआरटी की किताबों में भारतीय इतिहास के द्वितीय विषय से मुगल दरबार और शासक से जुड़े पाठ को हटा दिया गया है, जिसमें अकबरनामा, बादशाहनामा, पांडुलिपियों की रचना, मुगल शासक और उनका साम्राज्य, आदर्श राज्य, पदवियां, नौकरशाही, शाही परिवार, सूचना और साम्राज्य, मुगल अभिजातवर्ग और और औपचारिक धर्म शामिल है।

Update: 2023-04-02 21:48 GMT
mughals history will not be taught in UP school (Photo-Social Media)

UP News: योगी सरकार का बड़ा फैसला। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाया जाएगा मुगलों का इतिहास।12वीं के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया गया है। ये फैसला यूपी बोर्ड के साथ-साथ सीबीएससी बोर्ड में भी लागू होगा। यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2023-2024 सत्र में 12वीं के पाठ्यक्रम में लागू कर दिया जाएगा। इतिहास के किताब से मुगल दरबार के पाठ को हटा दिया गया है। जबकि 11वीं में इतिहास के किताब से इस्लाम का उदय, औद्यौगिक क्रांति, संस्कृतियों में टकराव और समय की शुरूआत को हटा दिए गए हैं। इसके अलावा नागरिक शास्त्र विषय से शीत युद्ध और अमेरिकी वर्चस्व का पाठ हटा दिया गया है।

इतिहास की किताब से हटे ये विषय

शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए प्रकाशित एनसीआरटी की किताबों में भारतीय इतिहास के द्वितीय विषय से मुगल दरबार और शासक से जुड़े पाठ को हटा दिया गया है, जिसमें अकबरनामा, बादशाहनामा, पांडुलिपियों की रचना, मुगल शासक और उनका साम्राज्य, आदर्श राज्य, पदवियां, नौकरशाही, शाही परिवार, सूचना और साम्राज्य, मुगल अभिजातवर्ग और और औपचारिक धर्म शामिल है।

12वीं के सिलेबस में प्रमुख बदलाव

अब 12वीं क्लास के नागरिक शास्त्र की कीताब से अमेरिकी वर्चस्व और शीतयुद्ध से जुड़े विषय को हटाया गया है। जबकि स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से एक दल के प्रभुत्व दौर और जन आंदोलनों का उदय पाठ हटा दिया गया है। 10वीं कक्षा की किताबों से जनसंघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र और विविधता व लोकतंत्र का पाठ हटा दिया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने की तारीफ

उप मुख्यमंत्री केश प्रसाद मौर्या ने कहा कि नए सिलेबस से बच्चों का नजरिया बदलेगा। इसे चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। अभी तक बच्चों को इतिहास के किताब में जो उलूल-जूलूल पढ़ाया जा रहा था उसको बदलने की जरूरत थी। आब तुष्टीकरण, परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति खत्म हो गई है।

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