UP News: 240 मदरसों की मान्यता की जाएगी खत्म, जानें क्यों लिया जा रहा ये फैसला

UP News: यूपी में फिलहाल 16460 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। इनमें सरकार से अनुदान पाने वाले 560 मदरसे भी शामिल हैं। इन मदरसों में मुंशी मौलवी हाईस्कूल समकक्ष, आलिम इंटर समकक्ष, कामिल स्नातक और फाजिल परास्नातक के समकक्ष पढ़ाई होती है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-09-12 09:55 IST

240 मदरसों की मान्यता की जाएगी खत्म (photo: social media ) 

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में संचालित 240 मदरसों की मान्यता खत्म करने जा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की ओर से ऐसे मदरसों को चिह्नित कर इनकी सूची मदरसा शिक्षा परिषद को भेज दी गई है। प्रदेशभर के मदरसों के सर्वे के बाद सरकार की ओर से ये कदम उठाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, जिन मदरसों पर ताला लगने जा रहा है, वहां तय मानक के मुताबिक काफी कम छात्र पढ़ रहे हैं।

यूपी में फिलहाल 16460 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। इनमें सरकार से अनुदान पाने वाले 560 मदरसे भी शामिल हैं। इन मदरसों में मुंशी मौलवी हाईस्कूल समकक्ष, आलिम इंटर समकक्ष, कामिल स्नातक और फाजिल परास्नातक के समकक्ष पढ़ाई होती है। अल्पसंख्यक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तमाम मदरसों ने मानक से कम छात्र होने के कारण यूडायस पर उनके दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं। कई मदरसों ने तो स्वयं ही बोर्ड से उनकी मान्यता को खत्म करने का अनुरोध किया है।

इन जिलों के मदरसे हैं शामिल

जिन 240 मदरसों की मान्यता खत्म होने जा रही है, वे मऊ, अंबेडकरनगर, लखनऊ, अमरोहा और संतकबीरनगर जिले में स्थित हैं। मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार डॉक्टर प्रियंका अवस्थी ने बताया कि राजधानी लखनऊ के चार मदरसों ने विद्यार्थियों के दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं। सबसे अधिक अंबेडकरनगर जिले में मदरसे नहीं चल रहे हैं। यहां के 204 मदरसों की मान्यता समाप्त की जाएगी। इसी प्रकार अमरोहा और संतकबीरनगर जिले के कुछ मदरसे भी नहीं चल रहे हैं, जिनकी मान्यता वापसी ली जाएगी। बोर्ड की रजिस्ट्रार डॉक्टर अवस्थी ने बताया कि मऊ जिले के 10 मदरसों ने तो खुद बोर्ड को मान्यता खत्म करने के लिए पत्र लिखा है।

मदरसा चलाने के लिए तय मानक ?

अल्पसंख्यक विभाग के एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मदरसा नियमावली 2016 के तहत तहतानिया से मुंशी-मौलवी तक की मान्यता के लिए मदरसे में कम से कम 150 विद्यार्थियों का होना अनिवार्य है। इनमें मुंशी-मौलवी में 30 से कम विद्यार्थी नहीं होने चाहिए। इसके अलावा आलिम, कामिल और फाजिल की मान्यता के लिए कम से कम 10 विद्यार्थियों का परीक्षाओं में शामिल होना जरूरी है।

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