Yogi Govt 2.0: जमीन के दस्तावेज के लिए बनेगा डाटा सेंटर, भूमि विवाद के मामले में आएगी कमी
Yogi Govt 2.0: योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की सभी जमीनों के सभी दस्तावेजों और मॉडर्न रिकार्ड रूम के डाटा के संरक्षण के लिये अलग से एक डेटा सेंटर की स्थापना करने जा रही है।
Yogi Govt 2.0: योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश की सभी जमीनों के सभी दस्तावेजों और मॉडर्न रिकार्ड रूम के डाटा के संरक्षण के लिये अलग से एक डेटा सेंटर की स्थापना करने जा रही है। राजस्व विभाग ने इस डाटा सेंटर को अगले दो वर्ष में तैयार करने का लक्ष्य बनाया है। इस डाटा सेंटर में जमीन से जुड़े सारे अभिलेख डिजिटल फार्मेट में उपलब्ध रहेंगे। सूचनाओं को डाटा सेंटर से तुरंत प्राप्त किया जा सकेगा। सरकार के इस कदम से जमीन विवादों को खत्म कर अपराध रोकने में सफलता प्राप्त हो सकती है।
भू-मानचित्रों को किया जाएगा डिजिटाइज्ड
बता दें कि सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) भूमि सुधार के क्षेत्र में बड़े कदम उठाने जा रही है। इसके अंतर्गत समस्त भू-मानचित्रों को डिजिटाइज्ड किया जाएगा। ताकि उन्हें साफ्टवेयर के माध्यम से ट्रैक किया जा सके। ये कार्य भी अगले दो साल के अंदर राजस्व विभाग द्वारा पूरा कर लिया जाने की योजना है।
जमीनों व मकानों के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने की बनाई योजना
राजस्व विभाग (revenue Department) द्वारा अगले दो वर्षों के अंदर एक क्लिक के तहत प्रदेश की सभी नॉन जेड ए (वह जमीन जो जमींदारी विनाश अधिनियम के दायरे में नहीं आती) जमीनों व मकानों के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने की योजना बनाई गई है, ताकि उनकी कम्प्यूटरीकृत खतौनी जारी की जा सके।
इसके साथ ही, राज्य सरकार (State Governmnet) ने प्रदेश के समस्त गांवों का भौगौलिक सूचना तंत्र (जीआईएस से डिजिटलाइजेशन का कार्य भी अगले दो साल में पूरा करने की योजना तैयार कर ली है। अगले दो वर्षों में ग्रामों की सीमारेखा को जी.आई.एस.(अक्षांश-देशान्तर) युक्त करने का लक्ष्य भी राजस्व विभाग (revenue Department) द्वारा तय किया गया है।
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