किसी मसीहा से कम नहीं है गाजियाबाद का ये शख्स, श्मशान के लिए दे दिया डेढ़ बीघा जमीन
बीते कई दिनों से गाजियाबाद के हिंडन श्मशान घाट पर लाशों की कतारें देखी गईं थी।
गाजियाबाद: इस संसार में अगर आंसू है, तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि उन आंसुओं को पोंछने वाले लोग भी मौजूद हैं, जो किसी मसीहा से कम नहीं है। गाजियाबाद में एक ऐसे ही मददगार ने अपनी करीब डेढ़ बीघा जमीन को श्मशान घाट (Graveyard) बनाने के लिए नगर निगम के हवाले कर दिया है, जिसके बाद यहां दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बीते कई दिनों से गाजियाबाद के हिंडन श्मशान घाट पर लाशों की कतारें देखी गईं थी। लोगों को अपने परिजनों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ रहा था। ये सब देख कर साहिबाबाद निवासी सुशील चौहान से नहीं रहा गया और उन्होंने अपनी जमीन पर श्मशान घाट बनवाने का निर्णय ले लिया।
नगर निगम ने दाह संस्कार की सामग्री के लिए की व्यवस्था
सुशील का दर्द किसी से छुपा नहीं है। वह खुद ठीक से चल नहीं सकते हैं। लेकिन दूसरों का दर्द उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि यहां पर नगर निगम ने सभी इंतजाम कर दिए हैं। लकड़ियों और दाह संस्कार की सामग्री के लिए भी तमाम व्यवस्था नगर निगम की तरफ से की जा रही है। सुशील का ये भी कहना है कि उनकी संस्था इस बात को देखेगी कि जो व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर है और लकड़ियां नहीं खरीद सकता है। उसके परिजन के शव के अंतिम संस्कार की व्यवस्था निशुल्क करवाई जाएगी। सुशील की इस पहल कि आसपास के लोग भी काफी तारीफ कर रहे हैं।
हिंडन नदी के पास बना दूसरा श्मशान घाट
जहां पर ये श्मशान घाट बनाया गया है, ये इलाका राज नगर एक्सटेंशन में हिंडन नदी के पास का इलाका है। हिंडन श्मशान घाट से भी इस जगह की दूरी सिर्फ 5 मिनट की है। ऐसे में हिंडन श्मशान घाट पर जो लोग शव के अंतिम संस्कार के लिए कतार में लगे हैं, उन जरूरतमंद लोगों को इस नए श्मशान घाट के शुरू होने के बाद काफी राहत मिलेगी।