Kargil Vijay Diwas 2023: 8 गोलियां लगने के बाद भी काशी के जांबाज जवान ने फतह किया था जुबार हिल
Kargil Vijay Diwas 2023: काशी के बीर जवान आलिम अली को जुबार हिल पर कब्जा करने के लिए सैन्य टुकड़ी के साथ भेजा गया। जुबार हिल को फतह करने के दौरान दुश्मन देश की तरफ से भीषण गोलाबारी की जा रही थी। आलिम अली के नेतृत्व में सैन्य टुकड़ी आगे बढ़ रही थी 21 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित जुबार हिल पर साथियों के साथ तिरंगा फहराया था।
Kargil Vijay Diwas 2023: आज पूरा देश कारगिल युद्ध का विजय दिवस मना रहा है। 20 साल पहले आज ही के दिन भारत के रणबांकुरों ने कारगिल को दुश्मन देश पाकिस्तान के सैनिकों से मुक्त करवाया था। दुनिया का सबसे दुर्गम युद्ध कारगिल वॉर का आज विजय दिवस बड़े ही धूमधाम से देशभर में मनाया जा रहा है। पाकिस्तानी सैनिक पहाड़ी से गोलियों की बौछार कर रहे थे। काशी के बीर जवान आलिम अली को जुबार हिल पर कब्जा करने के लिए सैन्य टुकड़ी के साथ भेजा गया। जुबार हिल को फतह करने के दौरान दुश्मन देश की तरफ से भीषण गोलाबारी की जा रही थी। आलिम अली के नेतृत्व में सैन्य टुकड़ी आगे बढ़ रही थी 21 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित जुबार हिल पर साथियों के साथ तिरंगा फहराया था। पाकिस्तानी फौज से युद्ध के दौरान उन्हें सीने, घुटने, कमर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में 8 गोलियां लगी थीं।
वाराणसी के चैबेपुर क्षेत्र के सरसौल गांव के निवासी 22 ग्रेनेडियर के नायक रहे आलिम अली 1990 में सेना में भर्ती हुए थे। जुलाई 1992 से सितंबर 1995 तक कश्मीर में चल रहे ‘ऑपरेशन रक्षक‘ में शामिल थे। पाकिस्तान जब कारगिल में घुसा तब 7 जून 1999 में आलिम अली को कारगिल में युद्ध लड़ने भेजा गया। कारगिल वॉर के दौरान विशेष कार्यों के लिए उन्हें कई मेडल से नवाजा गया है। कमरे की दीवारें बहादुरी की कहानी सुनाती हैं। दीवारों पर टंगे मेडल और शौर्य की कहानी सुना रही है। साधारण परिवार से निकलकर भारतीय सेना में विशिष्ट मेडल हासिल किए आलिम अली ने गांव, जिला के साथ प्रदेश का भी मान बढ़ाया।