मुरादाबाद में दंगाइयों की उत्पाती भीड़ को पुलिस ने कैसे किया काबू, ये रिहर्सल देख हैरान रह जाएंगे
मुरादाबाद प्रशासन ने एहतियातन पुलिस की ये रिहर्सल कराई है ताकि उपद्रवियों को स्पष्ट संदेश चला जाए कि शहर में माहौल खराब करने वालों की अब खैर नहीं है...
Moradabad Sensitive Police rehearsal मुरादाबाद में रिहर्सल से पुलिस का बड़ा संदेश दिल्ली और कई अन्य स्थानों पर तनाव के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद को अति संवेदनशील मानते हुए मुरादाबाद प्रशासन ने सोमवार को थाना मझोला क्षेत्र के अंतर्गत प्रकाश नगर क्षेत्र में संघर्ष नियंत्रण की रिहर्सल की... इसका उद्देश्य था नगर में कहीं भी दंगे या अप्रिय वारदात होने की स्थिति में तुरंत कंट्रोल कर काबू किया जा सके
आपको बता दें मुरादाबाद 1980 में हुए सांप्रदायिक संघर्षों के बाद से बहुत चर्चित रहा है...1980 में हुए संघर्षों से उपजा तनाव शांत भी नहीं हुआ था कि 1984 में फिर संघर्ष भड़के जैसे तैसे शांत हुए तो 1992 में फिर झड़पें हुईं... 1993 में ये सिलसिला थमा नहीं जारी रहा। 1997, 2003 2005 तक आए दिन कहीं न कहीं से झगड़े की गलत व झूठी अफवाहें आती रहीं... यह सिलसिला कमोवेश 2014 तक जारी रहा... पुलिस मामले को ठंडा करने में लगी रहती थी सख्त कार्रवाई कर पाना उसके लिए मुमकिन नहीं था...
2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ एक स्पष्ट संदेश दिया गया कि सबका साथ सबका विकास लेकर चलना है तो उपद्रवियों, अराजक तत्वों, नागरिकों के शांतिपूर्ण जीवन में खलल डालने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। सूबे में अमन चैन कायम है...इस माह पड़ने वाले त्योहारों के मद्देनजर मुरादाबाद प्रशासन ने एहतियातन पुलिस की ये रिहर्सल कराई है ताकि उपद्रवियों को स्पष्ट संदेश चला जाए कि शहर में माहौल खराब करने वालों की अब खैर नहीं है...