Padma Shri Dulari Devi Mithila Painting: गायब हो रही कला को दी नई पहचान, जिंदगी से बंधा अटूट बंधन

Padma Shri Dulari Devi Mithila Painting: राठी गांव से पद्म श्री पाने वाली दुलारी तीसरी महिला इससे पहले गांव की महासुंदरी देवी और गोदावरी दत्ता को मिला है ये सम्मान।

Report :  Sandeep Kashyap
Published By :  Ramkrishna Vajpei
Update:2022-04-15 15:43 IST

Padma Shri Dulari Devi Mithila Painting: बिहार की दुलारी देवी को मिथिला पेंटिंग में पद्मश्री मिला है। दुलारी देवी बिहार के मधुबनी के राठी गांव की हैं उन्हें प्यार से गांव वाले "दूला" कहते हैं। रांटी से पद्मश्री पाने वाली दुलारी तीसरी महिला है इससे पहले गांव की महासुंदरी देवी और गोदावरी दत्ता को पद्मश्री मिल चुका है। 12 साल की उम्र में दुलारी की जगदेव मुखिया से शादी हुई लेकिन 6 महीने की अपनी बेटी की मौत और ससुराल वालों के तानों से परेशान दुलारी 2 साल में ही राठी वापस लौट आई। उन्होंने मिथिला कलाकार महासुंदरी देवी के यहां ₹6 में घरेलू कामगार के तौर पर काम करना शुरू किया जिसके बाद वह महा सुंदरी देवी की देवरानी कर्पूरी देवी के संपर्क में आई जिन्होंने उन्हें मिथिला कला सिखाई दुलारी की खासियत है कि वह धार्मिक आख्यानों से इतर मिथिला कला में अपने आसपास के जीवन को चित्रित करती है। मिथिला पेंटिंग बिहार के मधुबनी दरभंगा सहित कई जिलों के अलावा नेपाल के कुछ इलाकों की लोक कला है। आज जब Newstrack ने दुलारी देवी से जानने की कोशिश की अभी के ताजा स्थिति में मिथिला पेंटिंग की क्या हालात है, क्या जरूरतें हैं और साथ ही पौराणिक मिथिला पेंटिंग और अभी के मिथिला पेंटिंग में क्या फर्क आया है। तो इसी कड़ी में दुलारी देवी ने बताया कि वो मिथिला पेंटिंग के जरिए समाज में जागरूकता अभियान चलाती हैं। इसी तरह से मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में आने वाले नए कलाकार भी कुछ इसी तरह समाज सुधार से जुड़ी बातों को जागरूकता अभियान के तहत मिथिला चित्रकला के जरिए समाज में परोसने की कोशिश कर रहे हैं।

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