Heart Attacks in Winters: संभल कर खाइये-नहाइये, जान का सवाल है, वीडियो में देखें ठंड में हार्ट अटैक से कैसे बचा जाए

Video Risk of Heart Attack in Winters: सर्दियों में आपके खाने और रहने के तरीक़े से आपके दिल की सेहत का सीधा रिश्ता होता है। घर के बाहर और घर के अंदर के तापमान में अंतर आपके दिल को स्ट्रेस देता है।

Written By :  Yogesh Mishra
Update: 2023-01-12 00:52 GMT

Video Risk of Heart Attack in Winters: सर्दियों के दिनों में हार्ट अटैक की बहुत सी समस्याएँ आप के सुनने में आती होंगी। और आप को यह भी पता चलता होगा कि हार्ट अटैक से बहुत ज़्यादा लोगों की मौत हो रही है। हक़ीक़त यह है कि सर्दियों में आपके खाने और रहने के तरीक़े से आपके दिल की सेहत का सीधा रिश्ता होता है। घर के बाहर और घर के अंदर के तापमान में अंतर आपके दिल को स्ट्रेस देता है। सर्दियों में आपकी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। आपका रक्तचाप बढ़ जाता है। ऐसे में ठंडा और गर्म दोनों तरह का पानी आप के लिए नुक़सानदेह हो सकता है। आप को इन दोनों तरह के पानी और दोनों तरह के वातावरण से बचने और सतर्क रहने की ज़रूरत आन पड़ती है।

ठंड में दिल की ऐसे करें सुरक्षा

ठंडे और गर्म का जो अंतर होता है। वैरियेशन होता है वह दिल को अतिरिक्त शॉक देता है। इस शॉक को एडजस्ट करने में दिल को परेशानी होती है। हृदय को कोल्ड शॉक से बचाने के लिए आदर्श तरीका यह है कि गुनगुने पानी का सेवन करें। यह अचानक झटके से बचने में मदद करता है । जो शरीर को भ्रमित करके शरीर के तापमान को बनाए रखता है। गुनगुना पानी शरीर के तापमान को बढ़ाता है। ब्लड सर्कुलेशन को भी तेज करता है।

जब हम सर्दियों में अपने ऊपर ठंडा पानी डालते हैं तो हमारी पहली प्रतिक्रिया यह होती है कि हम झिझकें और इससे दूर हट जाएं। हमारा शरीर प्रतिक्रिया करता है। क्योंकि यह एक आपातकालीन स्थिति है। अचानक ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है। शरीर पर ठंडा पानी पड़ते ही दिल महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा के लिए तेजी से रक्त पंप करना शुरू करता है। आपकी त्वचा के पास सर्कुलेशन को रोक देता है। इससे कंपकंपी महसूस होती है। इससे आप के दिल पर अधिक स्ट्रेस पड़ता है।जब आप अपने दिल पर अतिरिक्त स्ट्रेस डालते हैं। तो यह अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकता है। एक बड़ी घटना के लिए ट्रिगर हो सकता है।

ठंड के दिनों में अचानक गर्म पानी के टब में डुबकी लगाने से रक्तचाप में तेजी से गिरावट आ सकती है, जो दिल को फिर से स्ट्रेस में डाल देता है। गर्म पानी से स्नान करने का सबसे अच्छा तरीका है कि सबसे पहले पैर और शरीर के अन्य अंगों को एडजेस्ट होने दें। और जब एक बार पूरी तरह शरीर प्राइम हो जाए, तब जा कर के स्नान शुरू करें। लेकिन हम आप प्रायः ऐसा नहीं करते हैं। स्नान के तुरंत बाद टॉवेल अप कर लें ताकि शरीर को दोबारा ठंड का झटका न लगे।

सर्दियों में रक्तचाप बढ़ने वाले प्रमुख कारकों में धमनियों का सिकुड़ना, सूरज के संपर्क में कम आना, शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण नमक जमा होना और खून का थक्का जमना शामिल है।

  • आपको हल्का भोजन करना चाहिए।
  • पर्याप्त ऊनी कपड़े पहनने चाहिए।
  • थोड़े बहुत व्यायाम रोज ज़रूर करने चाहिए।
  • यदि कोई दवा लेते हैं तो उसे नियमित लेते रहना चाहिए। कभी-कभी हाई बीपी के मरीजों को दवा की अधिक खुराक की आवश्यकता होती है। इसलिए, डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • किसी को भी स्ट्रेस टेस्ट से गुजरे बिना जिम की दिनचर्या का विकल्प नहीं चुनना चाहिए।
  • घर के अंदर शारीरिक व्यायाम करें और प्रतिकूल मौसम में बाहर निकलने से जितना बच सकें बचें।
  • व्यायाम के दौरान अत्यधिक परिश्रम करने से आप के दिल पर अनुचित दबाव पड़ सकता है । इससे बचने की ज़रूरत होती है। पर आम तौर पर इनका ख़्याल नहीं रखा जाता है।
  • मीडियम लेवल वाली शारीरिक गतिविधि करें । लेकिन इसकी निगरानी भी की जानी चाहिए।

सर्दियों में आख़िर दिल के मरीज करें को क्या करें

  • घर का हल्का भोजन करें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • रक्तचाप पर सख्त नज़र रखें।
  • गुनगुने पानी से स्नान करें।
  • नियमित दवाएँ लें।
  • सकारात्मक सोच रखें और तनाव से बचें।
  • फलों और सब्जियों का सेवन करें।
  • कम मसाले और कम तेल का सेवन करें। बाहर का खाना खाने से बचें।
  • तले हुए और उच्च वसा वाले भोजन से बचें।

कोरोना महामारी ने न केवल लोगों के जीवन और स्वास्थ्य पर पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, बल्कि इसके साथ ही साथ स्वास्थ्य, विशेष रूप से हृदय के स्वास्थ्य पर भी कोरोना महामारी का असर दिखा है।

जो लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं उन्हें अपने स्वास्थ्य का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। शरीर में किसी भी नये लक्षण के होते ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप के शरीर में कोई ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जो आप को परेशान कर रहे हैं। तो आप को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।कोई भी कोताही आप के लिए कोई ख़राब संदेश ला सकती है। इसलिए खुद बचने और बचाने की ज़रूरत है।

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