20 लाख मौतें तय: क्या बचा पाएगा सभी को ये देश, खौफ में लोग
अमेरिका की स्थिति तो बहुत भयावह है। ऐसे में अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. यास्चा मॉन्क ने कहा कि अमेरिका के हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने के दौरान कोरोना वायरस से 20 लाख लोगों की मौतें हो जाएंगी।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को लेकर कहीं से कोई राहत की खबर नहीं आ रही है। अमेरिका की स्थिति तो बहुत भयावह है। ऐसे में अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. यास्चा मॉन्क ने कहा कि अमेरिका के हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचने के दौरान कोरोना वायरस से 20 लाख लोगों की मौतें हो जाएंगी। वैज्ञानिक मौन्क ने न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के संक्रमण और मौतों के आंकड़े के आधार पर ये बात कही है।
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मौत का आंकड़ा
वैज्ञानिक ने जिस हर्ड इम्यूनिटी की बात कही है ये उस स्थिति को कहते हैं जब आबादी के 80 से 95 प्रतिशत लोग वायरस से इम्यून हो चुके होते हैं। इसका असर ये होता है कि वायरस का बढ़ना आबादी में रुक जाता है और बचे हुए अन्य लोगों को भी बीमारी नहीं होती है।
वहीं वैज्ञानिक यास्चा मॉन्क का बयान ऐसे समय आया है, जब एक रिपोर्ट से पता चला था कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित 25 प्रतिशत आबादी में वायरस का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है।
लेकिन अब इसके बाद ये चर्चा होने लगी कि अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग इम्यून हो सकते हैं और मौत का आंकड़ा भी कम रहने वाला है।
साथ ही वैज्ञानिक मॉन्क ने यह भी कहा कि यह एक अच्छी खबर है कि पहले जो माना जा रहा था, वायरस उससे कम खतरनाक साबित हुआ है। मॉन्क ने द एटलांटिक में लेख लिखकर और ट्विटर के जरिए अमेरिका में हर्ड इम्यूनिटी पर चेतावनी दी है।
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20 लाख लोगों की मौतें
वैज्ञानिक मॉन्क ने कहा है कि मृत्यु दर एक भी रखा जाए तो अमेरिका में हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने तक 20 लाख लोगों की मौतें हो जाएंगी।
वहीं इसी सप्ताह न्यूयॉर्क में किए गए एंटीबॉडी टेस्ट में सामने आया था कि यहां की 14 प्रतिशत आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी है।
इस पर अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने मार्च में कहा था कि कोरोना वायरस से इम्यूनिटी हासिल करना शायद ही संभव होगा, क्योंकि अगर ज्यादा लोग संक्रमित होते हैं फिर भी उनकी संख्या हर्ड इम्यूनिटी के लिए पर्याप्त नहीं होगी। बता दें, अमेरिका में महामारी से अभी तक 65,605 लोगों की मौत हो चुकी है।
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