अमेरिका की कैद से रिहा ओसामा का दोस्त आतंकी, खुफिया एजेसिंयों ने इस डर से छोड़ा

अमेरिका के न्यू जर्सी जेल में बंद दुनिया का जाना माना आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का दाहिने हाथ कहे जाने वाले आदिल अब्दुल बारी के रिहा कर दिया गया है। इसकी जानकारी लादेन का प्रवक्ता माने जाने वाला यह आंतकी जेल से रिहा होकर यूनाइटेड किंगडम पहुंच गया है।

Update:2020-12-14 11:28 IST
अमेरिका की कैद से रिहा ओसामा का दोस्त आतंकी, खुफिया एजेसिंयों ने इस डर से छोड़ा

नई दिल्ली: अपने खतरनाक बम के धमाकों से हिलाने वाला मशहूर आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का करीबी माने जाने वाला आदिल अब्दुल बारी को अमेरिका की जेल बरी कर दिया गया है । ये वही आतंकी है, इसे आतंकी ओसामा बिन लादेन का दाहिने हाथ भी माना जाता है। बता दें कि आदिल अब्दुल बारी को अफ्रीका में अमेरिका की एंबेसी पर बम धमाके करने का आरोप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। माना जा रहा है कि जेल में बंद आदिल मोटापे का शिकार हो रहा था, जिसके कारण उसे कोरोना होने का खतरा बढ़ गया था। यही वजह है कि आतंकी आदिल को जेल से रिहा कर दिया गया।

आदिल अब्दुल बारी जेल से हुआ रिहा

अमेरिका के न्यू जर्सी जेल में बंद दुनिया का जाना माना आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का दाहिने हाथ कहे जाने वाले आदिल अब्दुल बारी के रिहा कर दिया गया है। इसकी जानकारी लादेन का प्रवक्ता माने जाने वाला यह आंतकी जेल से रिहा होकर यूनाइटेड किंगडम पहुंच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, आदिल को रिहा करने के पीछे उसका बढ़ता वजन बताया गया है। न्यूयॉर्क के एक सीनियर जज ने आदिल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बढ़ते वजन के चलते आदिल को कोरोना होने का काफी खतरा था। इसलिए उसे छोड़ दिया गया है और वापस ब्रिटेन भेज दिया गया है।

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अमेरिका की एंबेसी पर बम धमाके करने का था आरोप

बता दें कि जेल से रिहा होने वाले अब्दुल आदिल बारी पर पूर्वी अफ्रीका में अमेरिका की एंबेसी पर बम धमाके करने का आरोप है। यह हमला सबसे बड़ा हमले में से एक माना जाता है, जो कि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से पहले अलकायदा का अमेरिका पर हुआ था।

पॉलिटिकल शरणार्थी बनने के लिए किया था आवेदन

अब्दुल आदिल बारी का जन्म मिस्र में हुआ था। मिस्र में जन्मे आदिल ने ब्रिटेन में वर्ष 1991 में पॉलिटिकल शरणार्थी बनने के लिए आवेदन किया था। बड़े-बड़ों तक अपने रखने वाला आदिल के आदेदन को साल 1993 में स्वीकार भी कर लिया गया था।

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हमले में मारे गए थे 224 लोग

जारकारी के अनुसार, सन् 1998 में तंजानिया और केन्या में मौजूद अमेरिकन एंबेसियों में अलकायदा के सबसे खतरनाक बम से लदे दो ट्रक आपस में टकरा गए थे। इस हादसे में करीब 224 लोग मारे गए थे। इस हादसे के बाद यूरोप में अलकायदा के प्रवक्ता के तौर पर आदिल ने पत्रकारों को कहा था कि ईस्ट अफ्रीका में अमेरिका की एंबेसियों पर हुआ जो आतंकी हमला हुआ है, वो अलकायदा ने कराया है। माना जाता है कि आदिल के 6 बच्चे में से एक बच्चा ISISI का आतंकियों के खेमें में शामिल भी है।

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