Afghanistan : अफगानिस्तान में भुखमरी, बचा कुछ दिनों का राशन, खाने के साथ पीने के पानी को मोहताज होगें अफगानी

Afghanistan : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से हालात अब और भी ज्यादा भयावह होते जा रहे हैं। तालिबानी शासन के बाद से यहां भुखमरी के हालात बनने लगे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-03 08:06 IST

अफगानिस्तान में बच्चों पर बड़ा खतरा (फोटो- सोशल मीडिया)

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Afghanistan : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से हालात अब और भी ज्यादा भयावह होते जा रहे हैं। तालिबानी शासन के बाद से यहां भुखमरी के हालात बनने लगे हैं। लोगों को खाने-पीने के लिए एक-दूसरे का मुंह देखना पड़ रहा है। इस पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगानिस्तान में लोगों का पेट भरने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है नहीं तो भुखमरी के हालात से अफगानिस्तान को कोई नहीं बचा सकता। 

इस बारे में अफगानिस्तान में यूएन के विशेष अधिकारी व मानवाधिकार समन्वयक रमीज अकबारोव ने काबुल में कहा कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के पास मौजूद खाद्य पदार्थों का स्टॉक सितंबर में खत्म हो जाएगा।

इसके बाद लोगों को जरूरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना नामुमकिन है। पांच साल के कम उम्र के आधे बच्चे अत्यंत कुपोषित की श्रेणी में आ सकते हैं। यहीं नहीं अफगानिस्तान की एक तिहाई वयस्क आबादी को पर्याप्त खाना तक नसीब नहीं हो सकेगा। 

सबसे बुरा प्रभाव बच्चों पर

फोटो- सोशल मीडिया

यूएन के प्रतिनिधि रमीज अकबारोव ने कहा कि 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मिलने पर ही हर जरूरतमंद को भोजन दिया जा सकता है। यूएन बच्चों को लेकर अधिक चिंतित है। पर्याप्त पोषण न मिलने से बच्चों का स्वास्थ्य कम समय में ही बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

सामने आई यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर लगभग 800 बच्चे हैं, जिन्हें अभी तो जरूरी सुविधाएं और खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है। लेकिन अलग किसी समय जब दूसरे देशों से मदद नहीं पहुंचेगी, तब से इन बच्चों को खाना, साफ पानी मिलना तक मुश्किल हो जाएगा। 

इस बारे में यूएन के मुताबिक, अफगानिस्तान के 403 जिलों में से 394 में लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है। इसमें से 1.8 करोड़ लोगों को आपात फंड से मदद दी जा रही है। इस संकट की घड़ी में लोगों के पास अपना रोजगार और आमदनी नहीं है। कई नौकरियां जा चुकी हैं। खाद्य पदार्थों की कीमत में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। लोगों को खाने-पीने की कमी होने लगी है।


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