Afghanistan Earthquake: तबाही से जूझ रहे अफगानिस्तान में भूकंप के जोरदार झटके, खौफ के साए में लोग
Afghanistan Earthquake: तालिबान के कहर से हाहाकार मचा हुआ हैं, दूसरी तरफ भूकंप के झटकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। आज तीन दिनों में ये दूसरा भूकंप है।
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में एक तरफ तालिबान के कहर से हाहाकार मचा हुआ हैं, दूसरी तरफ भूकंप के झटकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हर दिन खौफ के साए से गुजरते अफगान के लोगों की बहुत भयानक दुर्दशा है। आज तीन दिनों में ये दूसरा भूकंप है। इस बार झटकों की तीव्रता 4.5 तीव्रता मापी गई है।
भूकंप के ताबड़तोड़ झटकों ने अफगानियों को घरों से बाहर निकलने को मजबूर कर दिया। तालिबान के डर से किसी तरह घर में छिपे लोगों को भी बाहर निकलना पड़ा। इतनी तेज तीव्रता के झटकों में लोगों के घरों का सामान तेजी से थर्राने लगा। जिससे लोगों में खौफ का मंजर छा गया।
भूकंप के झटके
इससे पहले 17 अगस्त को भी अफगानिस्तान जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। मंगलवार की सुबह 6.08 बजे अफगानिस्तान के फायजाबाद में भूकंप आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फायजाबाद से 83 किमी दक्षिण में झटके महसूस किए गए थे।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology)ने जानकारी दी थी कि फायजाबाद में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर 4.5 मापी गई। हालांकि भूकंप से फिलहाल किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई।
गौरतबल है कि इसके पहले शनिवार को हैती में तेज भूकंप आया था। हैती में आए भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई थी। जिसमें कम से कम 1,297 लोगों की मौत होने की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा लोग हैती के दक्षिण में हताहत हुए। भूकंप आने से कई शहर पूरी तरह से तबाह हो गए। वहीं अब अफगानिस्तान में भूकंप आने की खबर है।
आपको बता दें कि इस समय अफगानिस्तान में हालात हद से ज्यादा खराब हो गए हैं। अफगानी किसी भी तरह बस सब छोड़-छाड़ के भागने को तैयार है। वहीं इस बीच अशरफ गनी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद अब राष्ट्रपति कहां हैं, उनका पता चल गया है।
बताया जा रहा कि वे अबू धाबी में हैं। उन्हें संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई(UAE) ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। इस बारे में उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। आपको बता दें, तालिबान ने अफगानिस्तान के कई शहरों में कब्जा करने के बाद अभी दो दिन पहले काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए थे। इसके बाद वह सबसे पहले ताजिकिस्तान गए, लेकिन वहां उन्हें शरण नहीं मिली। ताजिकिस्तान ने उनके प्लेन का उतरने की इजाजत नहीं दी।