पाकिस्तान में मार्शल लॉ! हिल उठी पीएम इमरान खान की कुर्सी, विपक्ष ने बोला हमला

पश्तून नेता और पूर्व सेनेटर अफरासियाब खटक ने ‘साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स’ (एसएएटीएच) के पांचवें एनुवल कांफ्रेंस में यहां तक कह दिया कि 'पाकिस्तान की इमरान सरकार ने देश के अंदर अघोषित मार्शल लॉ लागू कर रखा है।

Update: 2020-10-13 09:02 GMT
मौजूदा सैन्य व्यवस्था देश के राजनीतिक संस्थानों को सीमित कर रही है। खुफिया एजेंसियां सांसदों को यह निर्देश दे रही हैं कि सत्र में कब शामिल होना है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अंदर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लोगों के मन में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। विरोध की आवाजें अब कई जगहों से उठने लगी हैं।

नौबत यहां तक आ पहुंची है कि अब पाकिस्तान के पूर्व और मौजूदा सांसदों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

यहां तक की उन्हें सेना की कठपुतली तक कहा जाने लगा है। पाकिस्तान के कई नये और पुराने नेता अब उन्हें देश में स्थायित्व न होने, असुरक्षा और पड़ोसियों के साथ चलने की अक्षमता के लिए आरोपी ठहरा रहे। इसमें से एक विपक्ष के नेता बिलाबल भुट्टो भी हैं।

इससे भी ज्यादा हैरत की बात ये कि पश्तून नेता और पूर्व सेनेटर अफरासियाब खटक ने ‘साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स’ (एसएएटीएच) के पांचवें एनुवल कांफ्रेंस में यहां तक कह दिया कि 'पाकिस्तान की इमरान सरकार ने देश के अंदर अघोषित मार्शल लॉ लागू कर रखा है।

पाकिस्तान में विपक्ष के नेता बिलाबल भुट्टो की फोटो(सोशल मीडिया)

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इमरान खान एक सैन्य कठपुतली

यहां बता दें कि एसएएटीएच लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों का एक ग्रुप है। पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और अमेरिका स्थित स्तंभकार डॉ. मोहम्मद तकी ने इसकी स्थापना अमेरिका में की थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसएएटीएच के वार्षिक सम्मेलन लंदन और वाशिंगटन में आयोजित किये गये थे लेकिन इस बार सम्मेलन में प्रतिभागियों ने वर्चुअल तौर पर हिस्सा लिया था। जिसमें प्रतिभागियों की तरफ से ये कहा गया था प्रधानमंत्री इमरान खान एक सैन्य कठपुतली है।

इन प्रतिभागियों में सोशल मीडिया यूजर्स , नेता, पत्रकार, ब्लॉगर, और नागरिक संस्थाओं से जुड़े लोग शामिल थे।

पश्तून नेता और पूर्व सेनेटर अफरासियाब खटक ने कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा, 'यह पाकिस्तान में सबसे खतरनाक मार्शल लॉ है क्योंकि इसने संवैधानिक संस्थानों को बर्बाद किया है।

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो(सोशल मीडिया)

मौजूदा सैन्य व्यवस्था देश के राजनीतिक संस्थानों को सीमित कर रही है

उन्होंने कहा, मौजूदा सैन्य व्यवस्था देश के राजनीतिक संस्थानों को सीमित कर रही है और हालात यह हैं कि खुफिया एजेंसियां सांसदों को यह निर्देश दे रही हैं कि सत्र में कब शामिल होना है और कब मतदान नहीं करना है।

इसके बाद हक्कानी ने पाकिस्तान की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को कमजोर किया है।

आतंकवाद को बढ़ावा देने और स्वतंत्रता को दबाने की अपनी नीतियों की वजह से पकिस्तान आज अंतरराष्ट्रीय स्तर(भारत-अमेरिका) पर अपनी जमीन खो रहा है, न कि मानवाधिकारों के लिये आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं की वजह से।'

कांफ्रेंस के अंदर तमाम लोगों ने पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यकों को दबाए जाने और अधिकारों से वंचित रखे जाने को लेकर भी इमरान सरकार पर सवाल खड़े किये।

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