Covid-19: स्टडी में बड़ा खुलासा, कोरोना से इस रंग के लोगों की हो रही ज्यादा मौत

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस जानलेवा महामारी पर आए दिन नए-नए रिसर्च सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना मरीज एक निश्चित समय अंतराल में मरे हैं।

Update:2020-06-07 00:20 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस जानलेवा महामारी पर आए दिन नए-नए रिसर्च सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना मरीज एक निश्चित समय अंतराल में मरे हैं, उनकी स्थिति और हेल्थ की क्रिटिकल सिचुएशन पर मौत की वजह स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों पर एक रिसर्च हुई है। कोरोना की वजह से डार्क स्किन टोन के लोगों की मृत्यु की दर व्हाइट स्किन टोन के लोगों की मृत्युदर के मुकाबले दोगुनी है।

इस रिपोर्ट को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने जारी की है। करीब 84 पेज की इस रिपोर्ट के मुताबिक डार्क स्किन कलर और एशियन नेटिव लोगों की संख्या कोरोना संक्रमितों में सबसे अधिक है। रिपोर्ट में दिए गए डेटा के आधार पर बताया गया है कि हर एक लाख लोगों में कोरोना के जितने केस मिले, उनमें लोग डार्क स्किन टोन वाले हैं।

रिपोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए कहा गया है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से अब तक जितने लोगों की मौत हुई है उनकी संख्या में स्किन टोन और नेटिव प्लेस के आधार पर अगर तुलना की जाए तो डार्क स्किन टोन वाले मरीजों की संख्या व्हाइट स्किन टोनवाले मरीजों की तुलना में दोगुनी है।

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इसलिए जारी हुई ये रिपोर्ट

रिपोर्ट में इस बात को साफ साफ बताया गया है ति स्किन टोन के आधार पर कोरोना मरीज की स्टडी के पीछे मकसद किसी तरह का रंगभेद नहीं है। बल्कि रीजन और स्किन कलर के आधार पर ह्यूमन लाइफ पर कोरोना के प्रभाव को सिर्फ समझना मकसद है।

कोरोना के कारण बीमार होनेवाली और जान गंवाने वाली महिलाओं की तुलना अगर स्किन टोन के आधार पर की जाती है तो रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट स्किन टोन की महिलाओं की तुलना में ब्लैक स्किन टोन और डार्क स्किन टोन की महिलाओं की संख्या करीब तीन गुनी है।

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वहीं यदि व्हाइट स्किन टोन की महिलाओं की तुलना एशियन कंट्री की महिलाओं या मिक्स स्किन टोन की महिलाओं से की जाए तो व्हाइट स्किन टोन वाली महिलाओं की संख्या में इन महिलाओं में कोरोना का संक्रमण 1.6 प्रतिशत ज्यादा है।

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इसलिए हो रही है डार्क स्किन वालों की मौत

ऑफिस फॉर नैशनल स्टेटिसटिक्स (ONS) की ताजा रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना से मरनेवाले मरीजों में डार्क स्किनवाले लोगों की कुल संख्या व्हाइट स्किन वाले लोगों की तुलना में 4 गुना ज्यादा है। इस बात का अभी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है कि एशियन और अफ्रीकन मूल के लोगों में कोरोना संक्रमण अधिक घातक क्यों साबित हो रहा है? क्योंकि यह इन लोगों में व्हाइट स्किन टोन के लोगों की तुलना में फैल भी अधिक तेजी से रहा है और जान भी इनकी अधिक जा रही है।

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