कोरोना पर चौंकाने वाला खुलासा: ब्रिटेन के इस वैज्ञानिक ने कही ये बड़ी बात

वहीं ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने पूरी दुनिया को कोरोना से बचने के लिए हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) को एकमात्र कारगर हथियार बताया है। उनका कहना है कि हर्ड इम्युनिटी से जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

Update: 2020-04-05 10:29 GMT

नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। भारत, इटली समेत कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन कर रखा है। लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है।

वहीं ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने पूरी दुनिया को कोरोना से बचने के लिए हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) को एकमात्र कारगर हथियार बताया है। उनका कहना है कि हर्ड इम्युनिटी से जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन तभी तक कारगर है जब तक लोग घरों में कैद हैं। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन की रिपोर्ट के अनुसार एक बार जब लोग दोबारा घरों से बाहर निकलेंगे तो संक्रमण दोबारा जकड़ सकता है।

ऐसे में हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) ही एकमात्र कारगर हथियार है जिससे जानलेवा वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

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चिकित्सा विज्ञान की पुरानी पद्धति है हर्ड इम्युनिटी

ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वैलेंस ने हाल ही दुनिया को वायरस से बचने के लिए हर्ड इम्युनिटी अपनाने की सलाह दी थी। यह चिकित्सा विज्ञान की पुरानी पद्धति है। वैलेंस ने ब्रिटेन की 60% आबादी को कोरोना से संक्रमित होने देने का सुझाव दिया था।

हर्ड इम्युनिटी का मतलब भविष्य में लोगों को बचाने के लिए फिलहाल आबादी के एक तय हिस्से को वायरस से संक्रमित होने दिया जाए। इससे उनके भीतर संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध पैदा होगा।

इससे शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनेंगी जिसे निकालकर वैक्सीन तैयार की जा सकती है। फिर भविष्य में वायरस उन्हें तो संक्रमित नहीं करेगा बल्कि अन्य लोगों में भी नहीं फैलेगा।

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पोलियो और चेचक में असरदार

पोलियो, चेचक और खसरा से दुनिया की लगभग पूरी आबादी इम्युन हो चुकी है। अधिकांश बच्चों में पोलियो वैक्सीन पहुंचने के बाद शेष हर्ड इन्युनिटी के कारण ही बच गए।

भारत में भी इसी तरीके की जरूरत

प्रख्यात अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर का कहना है कि भारत को भी हर्ड इम्युनिटी की जरूरत है। सामाजिक दूरी के जरिये हमें वायरस को मात देने में लंबा समय लगेगा। ‘मुझे डर लग रहा है कि हम सब संक्रमित हो जाएंगे और हर्ड इम्युनिटी से दूर रह जाएंगे।’

50 से 55 फीसदी आबादी संक्रमित होगी तभी हर्ड इम्युनिटी बनेगी और वायरस को खत्म किया जा सकेगा। सरकार लोगों की जिंदगी बचाने के लिए प्रयास कर रही है। निजी संस्थानों को भी इसमें आगे आना होगा।

दूरी और लॉकडाउन से नहीं बन पाएगी हर्ड इम्युनिटी

वैज्ञानिकों की मानें तो खुद-ब-खुद प्रतिरोध पैदा हो सकता है। पर लॉकडाउन, आइसोलेशन और सामाजिक दूरी से हर्ड इम्युनिटी नहीं बन पाएगी।

ब्रिटेन भी हिचक गया

ब्रिटेन ने हर्ड इम्युनिटी की योजना बनाई पर डर गया। रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे आईसीयू बेड का संकट हो जाएगा। इसके बाद तीन हफ्तों का लॉकडाउन घोषित किया गया।

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