Elon Musk's Neuralink: एलोन मस्क की कम्पनी को इंसानों में ब्रेन चिप लगाने की मिली मंजूरी

Elon Musk's Neuralink: एलोन मस्क की ब्रेन चिप फर्म "न्यूरालिंक" ने कहा है कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इसके पहले ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी दे दी है। मस्क की कम्पनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

Update:2023-05-27 22:40 IST
Elon Musk's Neuralink (Pic: Social Media)

Elon Musk's Neuralink: एलोन मस्क अब इंसानों के मस्तिष्क में चिप लगाने की ओर बढ़ रहे हैं और उनके नए उपक्रम को अमेरिकी सरकार की मंजूरी भी मिल गई है। एलोन मस्क की ब्रेन चिप फर्म "न्यूरालिंक" ने कहा है कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इसके पहले ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी दे दी है। मस्क की कम्पनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। न्यूरालिंक ने एक ट्वीट में कहा, "एफडीए की मंजूरी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एक दिन हमारी तकनीक कई लोगों की मदद सकेगी।"

क्या है न्यूरालिंक

फर्म का कहना है कि वह कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क के साथ सीधे संवाद करने की अनुमति देने के लिए एक नया तरीका बनाने की कोशिश कर रही है। उम्मीद है कि ऐसा करने से, न्यूरालिंक उन जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से निपटने में सक्षम होगा जो अब तक चिकित्सा की क्षमता से परे साबित हुई हैं। इनमें पक्षाघात और अंधापन से लेकर अवसाद और सिज़ोफ्रेनिया तक शामिल हैं।

यह कैसे काम करता है?

इस प्रक्रिया में रोगी के मस्तिष्क में सीधे एक छोटे से चिप को ट्रांसप्लांट करना शामिल होगा। ये चिप 1,024 छोटे इलेक्ट्रोड से जुड़ी है, जो बेहद महीन हैं और एक बैटरी से संचालित होते हैं। बैटरी को वायरलेस तरीके से रिचार्ज किया जा सकता है। चिप एक बाहरी कंप्यूटर के साथ एक इंटरफ़ेस बनाएगा, जिससे यह सिग्नल भेजने और प्राप्त करने में सक्षम होगा।

कितना सुरक्षित

मस्तिष्क से जुड़ी किसी भी सर्जरी में शारीरिक नुकसान और शरीर द्वारा रिजेक्शन, दोनों के खतरे होते हैं। जानवरों पर इन चिप्स का व्यापक और विवादास्पद परीक्षण किया गया है। अमेरिकी कृषि विभाग के पास फरवरी में दायर एक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि चिप परीक्षण में मैकाक बंदरों के साथ क्रूर व्यवहार किया गया था। बहरहाल, स्पष्ट रूप से कोई डेटा नहीं है कि इंसानों में संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं।

न्यूरालिंक

2016 में फर्म की स्थापना कैलिफोर्निया में एलोन मस्क और सात वैज्ञानिकों व इंजीनियरों की एक टीम द्वारा की गई थी। लेकिन पिछले साल आठ सह-संस्थापकों में से केवल दो ही कंपनी में बने रहे। कुछ अन्य कंपनियों द्वारा भी ब्रेन चिप पर रिसर्च किया जा रहा है। कुछ के बारे में कहा जाता है कि वे अपने शोध में न्यूरालिंक से आगे हैं। ब्लैक रॉक न्यूरो टेक इसी तरह के उत्पाद पर काम कर रहा है। माना जाता है कि फेसबुक की मूल कंपनी मेटा पहनने योग्य तकनीक पर काम कर रही है जो लोगों को अपने दिमाग से टाइप करने की अनुमति देगी।

Tags:    

Similar News