Euthanasia Legalised: पुर्तगाल में इच्छामृत्यु के कानून पर मंजूरी, 18 वर्ष के अधिक आयु वर्ग के लिए कानूनी मान्यता

Euthanasia Legalised:18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को मरने में सहायता का अनुरोध करने की अनुमति दी जाएगी यदि वे गंभीर रूप से बीमार हैं और असहनीय पीड़ा में हैं।

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Update:2023-05-16 21:45 IST
Euthanasia Legalises (Pic Credit - Social Media)

Euthanasia Legalises:पुर्तगाल भी अब उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जो लोगों को निजात दिलाने के लिए इच्छामृत्यु(Euthanasia) को वैध करार करने के लिए कानून पारित कर दिया है। बेनेलक्स देशों और पुर्तगाल के पड़ोसी देश स्पेन सहित कुछ ही देशों में इच्छामृत्यु और सहायता प्राप्त आत्महत्या की अनुमति को वैध माना जाता है।

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इस कानून के प्रावधान के तहत, 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जो गंभीर रूप से बीमार हैं और असहनीय पीड़ा में है, उन्हें मरने में सहायता का अनुरोध करने की अनुमति दी जाएगी।

यह कानून केवल स्वास्थ्य से जुड़ी "स्थायी" और "असहनीय" दर्द से पीड़ित लोगों के लिए ही जारी किया गया है, जब तक कि उन्हें ऐसा निर्णय लेने के लिए दिमागी तौर पर तैयार हो तभी यह वैध माना जायेगा।

पहले कई बार फेल हुआ था प्रस्ताव,

पुर्तगाल में यह कानून केवल नागरिकों और वहां के कानूनी निवासियों के लिए लागू होगा देश में आने वाले विदेशियों के लिए यह कानून वैध नहीं होगा। इच्छामृत्यु के इस विधेयक को पिछले तीन वर्षों में चार बार संसद द्वारा प्रस्तावित किया गया था लेकिन राष्ट्रपति के विरोध के कारण संवैधानिक समीक्षा के लिए हर बार वापस भेज दिया गया। कानून को अंतिम तौर पर को शासी समाजवादियों के समर्थन से संवैधानिक रूप से अपनाया गया था, जिसे कक्ष में पूर्ण बहुमत दिया गया था।

राष्ट्रपति अब भी विरोध में पर मेजॉरिटी के चलते दी मंजूरी,

पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सॉसा ने इसका विरोध किया था। हालांकि बड़ी संख्या में लोग इसके सपोर्ट में भी थे, जिसके चलते अब इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता मिल गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि,आखिरकार देश एक लंबी लड़ाई के अंत तक पहुंच गए हैं।" रेबेलो डी सूसा ने सांसदों से यह निर्दिष्ट करने के लिए कहा है कि कौन "सत्यापित" करेगा कि क्या कोई मरीज शारीरिक रूप से सहायता प्राप्त आत्महत्या के लिए मंजूरी भरेगा।, लेकिन सांसदों ने इस बार पाठ को संशोधित करने से इनकार कर दिया।

इच्छामृत्यु समर्थक समूह राइट टू डाई विद डिग्निटी के एक सदस्य पाउलो सैंटोस ने कहा कि, "अन्य बड़े देशों की तुलना में इस कानून को अपनाने की गति तेज रही है।" इसके साथ बड़ी संख्या में डॉक्टर इच्छामृत्यु पर नैतिक आपत्ति उठा सकते हैं, जैसा कि उन्होंने 2007 में गर्भपात के लिए किया था।

कौन से देशों में इच्छामृत्यु कानून पारित है,

पुर्तगाल सरकार के इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया है, जबकि अन्य कुछ लोगों ने इसपर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसका कानूनी रूप से दुरुपयोग भी हो सकता है। इच्छामृत्यु को वैध बनाने वाला पुर्तगाल दुनिया का 10वां देश बन चुका है। इसके अलावा बेल्जियम, कनाडा, कोलंबिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, उरुग्व और अमरीकी राज्य ओरेगन में इच्छामृत्यु कानूनी रूप से वैध माना जाता है।

भारत में इच्छामृत्यु कानून

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में 'इच्छामृत्यु' को मंजूरी मिल गई थी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस भी जारी की थी, लेकिन फिर भी इच्छामृत्यु की प्रक्रिया भारत में जटिल है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट इन गाइडलाइंस में सुधार करने और इसे और आसान बनाने की राह पर है।

जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इसपर फैसला किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 मार्च 2018 को 'इच्छामृत्यु' की मंजूरी दी थी। तत्कालीन कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21 (Article 21)के तहत जिस तरह व्यक्ति को जीने का अधिकार है, उसी तरह गरिमा से मरने का भी अधिकार प्राप्त हो। कोर्ट ने 'पैसिव यूथेनेशिया' को मंजूरी दी थी। पैसिव यूथेनेशिया में दर्दनाक बीमारी और असहनीय पीड़ा से बचने के लिए मेडिकल सहायता बंद कर दी जाती है जिससे उसकी मृत्यु हो सके।

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