कोरोना की दहशत: पहली बार चीन जायेगी विदेशी वैक्सीन

Covid Vaccine in China: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार चीन में विदेशी वैक्सीन लाई जायेगी। मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए चीन ने इन वैक्सीन के इम्पोर्ट की अनुमति दी है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-12-22 13:44 IST

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार चीन में विदेशी वैक्सीन लाई जायेगी: Photo- Social Media

कोरोना की दहशत: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार चीन में विदेशी वैक्सीन लाई जायेगी (Foreign vaccine to China)। मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए चीन ने इन वैक्सीन के इम्पोर्ट की अनुमति दी है लेकिन इन्हें सिर्फ जर्मन प्रवासी नागरिकों को लगाया जाएगा। जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि बायोएनटेक के कोरोना टीकों (BioNTech Corona Vaccines) का एक बैच चीन जा रहा है। डिलीवरी के समय और आकार पर कोई अन्य विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है लेकिन बर्लिन का इस बात पर जोर है कि चीन में गैर-जर्मन विदेशियों को भी ये वैक्सीन लगाने की इजाजत दी जाये।

पिछले महीने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की बीजिंग यात्रा के दौरान एक समझौते के बाद चीन में 20,000 जर्मन नागरिकों को वैक्सीन शॉट लेने की अनुमति देने पर सहमत हो गया। जर्मन नेता ने बीजिंग पर दबाव डाला था कि वैक्सीन को चीनी नागरिकों को भी स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराने की अनुमति दी जाए। लेकिन चीन ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

चीनी नागरिकों को अब चीन के सिनोवैक का टीका

प्रवक्ता ने यह भी पुष्टि की कि यूरोप में चीनी नागरिकों को अब चीन के सिनोवैक का टीका लगाया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में जर्मन स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिनोवैक के आयात के लिए परमिट दिया था, ताकि इसे जर्मनी में चीनी नागरिकों को दिया जा सके। वैक्सीन को यूरोप के ड्रग रेगुलेटर द्वारा उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके उपयोग के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है।

बीजिंग अब तक केवल घरेलू स्तर पर उत्पादित टीकों का उपयोग करने पर जोर देता रहा है, जो पश्चिमी एमआरएनए तकनीक की बजाए अधिक पारंपरिक तकनीकों पर आधारित हैं। चीन, लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर परीक्षण वाली अपनी सख्त जीरो कोरोना नीति को समाप्त कर रहा है, जबकि कोरोना मामलों में तेजी से वृद्धि होती जा रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 1.4 अरब लोगों का देश अगले साल एक लाख से अधिक कोरोना मौतों का सामना कर सकता है।

जर्मन नागरिकों को पश्चिमी वैक्सीन तक पहुंच की अनुमति देना बर्लिन के लिए एक बड़ा इशारा है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और जलवायु को लेकर वर्षों के तनाव के बाद यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ संबंधों को मजबूत करने के बीजिंग के प्रयास को दर्शाता है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने एक ब्रीफिंग में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी दुनिया की नंबर 2 अर्थव्यवस्था में कोरोना संक्रमणों में स्पाइक से चिंतित है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ देश भर में सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को टीका लगाने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सरकार का समर्थन कर रहा है।

चीन के पास नौ किस्म के कोरोना टीके

चीन के पास घरेलू स्तर पर विकसित नौ कोरोना टीके हैं, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक उपयोग के लिए स्वीकृत हैं। लेकिन अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रान वेरिएंट को टारगेट करने के लिए किसी को भी अपडेट नहीं किया गया है, जैसा कि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्न ने कई विकसित देशों में बूस्टर के लिए किया है। फाइजर बायोएनतेकौर मॉडर्ना द्वारा विकसित दो वैक्सीन दुनिया भर में सबसे अधिक उपयोग की जाती हैं।

महामारी की शुरुआत में, बायोएनटेक ने मेन लैंड चीन, हांगकांग, मकाऊ और ताइवान को वैक्सीन की आपूर्ति करने की दृष्टि से शंघाई फोसुन फार्मास्युटिकल के साथ एक सौदा किया था। अब तक चीन मुख्य भूमि के लिए रेगुलेटर समीक्षा समाप्त नहीं हुई है। कंपनी ने कहा है कि निर्णय चीनी नियामकों पर निर्भर है और देरी का कोई कारण नहीं बताया गया है।

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