Shinzo Abe Assassination: चीन की नजरों में खटकते थे शिंजो आबे, बीजिंग में राष्ट्रवादियों ने मनाया जश्न

Shinzo Abe Assassination: जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के निधव पर चीन में लोग जश्न मना रहे हैं। इनमें अधिकतर राष्ट्रवादी और सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-08 17:39 IST

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे और चीन का राष्ट्रपति शी जिनपिंग। (Social Media)

Shinzo Abe Assassination: जापान (Japan) की सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के दिग्गज नेता और   (Former PM Shinzo Abe) इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। नारा शहर में एक चुनावी सभा के दौरान एक हमलावर ने पीछे से उनपर फायरिंग कर दी। हमले में बुरी तरह से घायल आबे को बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन सारी कोशिश बेकार साबित हुई। उनकी मौत की खबर सामने आने के बाद पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। भारत ने भी अपने इस अजीज दोस्त के खोने के गम में राजकीय शोक का ऐलान किया है।

एक तरफ जहां दुनिया के अधिकांश देश अचानक हुई इस घटना से गमजदा हैं तो वहीं एक देश ऐसा है, जो इस हत्याकांड पर झूम रहा है। चीन में इस खबर के आने के बाद से वहां के लोग जश्न मना रहे हैं। इनमें अधिकतर राष्ट्रवादी और सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं। चीनी (China) सोशल मीडिया पर लोग जमकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।

आबे की मौत पर दुनिया में गम चीन में पार्टी

जापान (Japan) के लोकप्रिय नेताओं में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former PM Shinzo Abe) की मौत पर विश्व के नेताओं ने गहरा दुख प्रकट किया है। लेकिन चीन में इसे लेकर जश्न मनाया जा रहा है। वहां पूर्व जापानी पीएम को मारने वाले हमलावर को हीरो बताया जा रहा है। चीनियों की इस हरकत से पता चलता है कि वे आबे से कितना नफरत करते थे। चीनी आस्ट्रेलियन कलाकार Badiucao ने कई ट्वीट्स किए हैं, जिसमें देखा जा रहा है कि चीन के लोग जश्न मना रहे हैं और एक प्लेट चावल अधिक खाने की बात कर रहे हैं।

इतना ही नहीं कुछ लोग यहां तक कह रहे हैं कि जैसी घटना आबे के साथ हुई है, वैसी ही घटना वर्तमान जापानी पीएम और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के साथ भी हो जाए। चीनी राष्ट्रवादी एक – दूसरे को बधाई दे रहे हैं। वहीं आबे की मौत से पहले वह लिख रहे थे, हम शिंजो आबे की मौत का इंतजार कर रहे हैं।

आबे से इतनी नफरता क्यों है चीन को

जापान और चीन के बीच खराब संबंधों का कारण ऐतिहासिक है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने चीन पर काफी जुल्म ढाए थे। दिसंबर 1937 में जापानी सेना ने चीन के नानजिंग शहर में जो कत्लेआम मचाया था, वह इतिहास की सबसे बर्बर घटनाओं में से एक है। चीनी इसे लेकर जापानियों से चिढ़े रहते हैं। चीन को इस बात का दुख सबसे अधिक है कि आजतक वह जापान से बदला नहीं ले पाया है।

इन सबके बीच पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की नीतियों ने चीन को और चिढ़ा दिया था। जापान में राइट विंग के नेता माने जाने वाले आबे चीन के मुखर विरोधियों में से थे। उन्होंने चीन के तमाम विरोधों और धमकियों को दरकिनार करते हुए ताइवान के संबंध को मजबूत बनाया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी ताइवान को अपनी बात रखने में मदद की। इसके अलावा आबे हिंद – प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी को नियंत्रित करने के लिए क्वॉड जैसे संगठन का पुरजोर वकालत करते थे। आबे की भारत से घनिष्ठता को लेकर भी चीन चिढ़ा रहता था। शिंजो आबे ने संविधान में काफी बदलाव किया जिससे अब जापानी सेना चीन के जंग के लिए खुद को तैयार कर रही है।

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