Donald Trump: US में नागरिकता संबंधी ट्रंप के आदेश से हड़कंप, भारतीयों पर भी होगा बड़ा असर, कोर्ट में पहुंचा मामला

Donald Trump Citizenship Order: ट्रंप के इस नए फरमान से अमेरिका में हड़कंप मचा हुआ है और मामला कोर्ट में पहुंच गया है। न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटार्नी जनरल मैट प्लैटकिन का कहना है कि राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्ति होती है मगर वे शहंशाह नहीं हैं।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-01-22 12:52 IST

Donald Trump Citizenship Order: अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के तमाम आदेशों से खलबली मची हुई है। ट्रंप के जन्मजात नागरिकता के संबंध में जारी किए गए आदेश से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। ट्रंप के आदेश से अमेरिका में जन्मे लोगों को अपने आप ही नागरिकता प्रदान करने की नीति समाप्त हो जाएगी।

ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि अमेरिका में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए वे राष्ट्रपति बनने के बाद इस दिशा में कदम उठाएंगे। ट्रंप के इस आदेश से अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों पर भी बड़ा असर पड़ने वाला है। अमेरिका के करीब 20 राज्यों में डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है और इन राज्यों ने इस आदेश के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है।

अमेरिकी नागरिकता के संबंध में ट्रंप का बड़ा कदम

अमेरिकी संविधान में हुए 14वें संशोधन के मुताबिक जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रविधान है। इसका तात्पर्य यह है कि अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा खुद ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता किसी अन्य देश की हो। अमेरिका में यह संविधान संशोधन 1868 में लागू हुआ था और इसका मकसद सबको बराबरी का अधिकार देना था।

इधर काफी दिनों से अमेरिका में अवैध प्रवासियों और घुसपैठ का मुद्दा गरमाया हुआ है। खासतौर पर ट्रंप इसके पूरी तरह खिलाफ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ट्रंप ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका में जारी किए गए नए आदेश के मुताबिक अगर जन्म के साथ किसी बच्चे को अमेरिका की नागरिकता चाहिए तो उसके माता या पिता में से एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या किसी एक का अमेरिका की सेना में होना जरूरी है।

ट्रंप का कहना है कि अवैध प्रवासियों को रोकने और बर्थ टूरिज्म को खत्म करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। उनके मुताबिक अमेरिका की नागरिकता काफी महत्वपूर्ण है और इसे हासिल करने के लिए प्रवासी अमेरिका जाकर अपने बच्चे को जन्म देते हैं, जिससे बच्चे को खुद ही अमेरिका की नागरिकता हासिल हो जाती है।


भारतीय मूल के लोगों पर होगा बड़ा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति के इस आदेश से अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों पर भी बड़ा असर पड़ने वाला है। अमेरिका में करीब 48 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग हैं और इनमें से तमाम लोगों को जन्म के आधार पर अमेरिका की नागरिकता हासिल हो चुकी है मगर अब आने वाले समय में ऐसा नहीं हो सकेगा।

अब ऐसे लोगों को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिल पाएगी जो ग्रीन कार्ड यह एच-1b वीजा का इंतजार कर रहे हैं। 2023 में अमेरिका में सिर्फ 1.5 फ़ीसदी भारतीय मूल के लोगों को अमेरिकी नागरिकता हासिल हुई है।


ट्रंप के फरमान का हो रहा कड़ा विरोध

ट्रंप के इस नए फरमान से अमेरिका में हड़कंप मचा हुआ है और मामला कोर्ट में पहुंच गया है। न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटार्नी जनरल मैट प्लैटकिन का कहना है कि राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्ति होती है मगर वे शहंशाह नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब नागरिकता की बात आती है तो राष्ट्रपति एक झटके से संविधान को फिर से नहीं लिख सकते और कानून के राज को खत्म नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से अमेरिकी राष्ट्र के ताने-बाने का हिस्सा रहा है।


उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे दो बार बरकरार रखा है और अमेरिका में गृह युद्ध के बाद से 157 वर्षों से यह अमेरिकी संविधान का हिस्सा है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने आरोप लगाया है कि ट्रंप के आदेश ने अमेरिका के 14वें संविधान संशोधन का उल्लंघन किया है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के लिए इस मसले को सुलझाना बड़ी चुनौती माना जा रहा है।

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