Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, लंबे समय से थे बीमार

Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। साल 1999 में वह देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-06-10 12:07 GMT

परवेज मुशर्रफ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Pervez Musharraf Death: लंबे समय से बीमार चल रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का निधन हो गया है। बताया जा रहा है परवेज मुशर्रफ का शुक्रवार ही कुछ देर पहले दुबई में निधन हुआ है। इससे पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बता दें कि साल 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) का तख्तापलट कर वह देश के 10वें राष्ट्रपति बने थे। रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ ने साल 2001 से लेकर 2008 तक देश के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली।

जानें परवेज मुशर्रफ के बारे में-

परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 में हुआ था। वह एक पाकिस्तानी राजनेता और एक सेवानिवृत्त चार सितारा जनरल थे। जो 1999 में संघीय सरकार के सफल सैन्य तख्ता पलट के बाद पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति पद संभाला। बाद में महाभियोग से बचने के लिए परवेज मुशर्रफ ने अपना इस्तीफा दे दिया था।

ब्रिटिश राज के दौरान दिल्ली में जन्मे मुशर्रफ का पालन-पोषण कराची और इस्तांबुल में हुआ था। उन्होंने लाहौर के फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज में गणित की पढ़ाई की थी और यूनाइटेड किंगडम में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में भी शिक्षा ग्रहण की थी।

मुशर्रफ ने 1961 में पाकिस्तान सैन्य अकादमी में प्रवेश किया और 1964 में उन्हें पाकिस्तानी सेना में नियुक्त किया गया, उन्होंने अफगान गृहयुद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई। मुशर्रफ ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में कार्रवाई की। 1980 के दशक तक, वह एक आर्टिलरी ब्रिगेड की कमान संभाल रहे थे। 1990 के दशक में, मुशर्रफ को मेजर जनरल के रूप में पदोन्नत किया गया और पैदल सेना डिवीजन सौंपी गयी। बाद में परवेज ने विशेष सेवा समूह की कमान संभाली। इसके तुरंत बाद, उन्होंने उप सैन्य सचिव और सैन्य अभियानों के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया।

मुशर्रफ राष्ट्रीय स्तर पर तब सुर्खियों में आए जब उन्हें 1998 में प्रधान मंत्री नवाज शरीफ द्वारा चार सितारा जनरल के रूप में पदोन्नत किया गया, जिससे मुशर्रफ सशस्त्र बलों के प्रमुख बन गए। उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल घुसपैठ का भी नेतृत्व किया जिसने 1999 में भारत और पाकिस्तान को लगभग पूर्ण युद्ध की स्थिति में ला दिया।

शरीफ और मुशर्रफ के बीच महीनों के लंबे शीत युद्ध के बाद शरीफ ने मुशर्रफ को सेना के प्रमुख के रूप में हटाने का असफल प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में, सेना ने 1999 में एक तख्तापलट किया, जिसके 2001 में मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन गए। बाद में उन्होंने शरीफ को सख्त नजरबंद कर दिया।

परवेज मुशर्रफ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अपने शासन काल के दौरान लागू की थी इमरजेंसी

मुशर्रफ ने अपने शासन काल के दौरान 2007 में इमरजेंसी लागू की थी। इसके बाद चुनावी रैली में आत्मघाती हमले में बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) की मौत हो गई थी जिसमें मुशर्रफ पर सुरक्षा उपलब्ध न कराने के आरोप लगे थे। 2008 में शासन समाप्त होने केबाद मुशर्रफ ने देश छोड़ दिया था। इसके काफी समय बाद जब वह देश लौटे तो उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए। आपको ये जानकर हैरत होगी कि वह पहले जनरल थे जिस पर देशद्रोह का आरोप लगा।

फांसी की सजा

आपको याद होगा कि करीब दो साल पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के जुर्म में पाकिस्तान की एक अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी। अदालत ने अपने आदेश में लिखा था कि अगर फांसी से पहले ही परवेज मुशर्रफ की मौत हो जाती है तो भी इस्लामाबाद के एक चौराहे पर तीन दिन तक उनकी लाश फंदे पर लटकानी होगी।

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