बर्लिन: सोशल मीडिया का भूत आजकल सब पर चढ़ा है।चाहे वो बुजुर्ग हों या आजकल का युवा। सोशल मीडिया से सबकी करीबी दोस्ती है। इसकी एक वजह ये भी है कि सोशल वेबसाइट्स इंफोटेनमेंट का बड़ा। लेकिन यहीं सचेत होने की भी जरूरत है। इस माध्यम को आजकल गलत चीजों के प्रसार के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
कभी अपमानजनक पोस्ट कर नीचा दिखने की कोशिश हो या भड़काऊ पोस्ट या नफरत फैलाने का सन्देश, इस माध्यम का इस्तेमाल खूब हो रहा है। पर अब ऐसा नहीं होगा। जानते हैं क्यों? क्योंकि अब अगर सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले भाषणों से जुड़े पोस्ट को जल्दी नहीं हटाया जाएगा तो छह करोड़ डॉलर तक का जुर्माना भी लग सकता है।
सोशल मीडिया के इन प्लेटफॉर्म्स पर होगा लागू
नए साल में लागू हुए इस कानून के तहत 24 घंटे में पोस्ट हटाने का वक्त दिया जाएगा। बता दें, कि अब फेसबुक, ट्विटर, गूगल, यूट्यूब, स्नैपचैट और इंस्टाग्राम, सभी इस कानून के तहत आएंगे। हालांकि, लिंक्डइन, जिंग और व्हॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फिलहाल इस दायरे से बाहर रखा गया है। जर्मनी की तरफ से उठाए गए इस कदम को सख्ती से लागू भी किया जाएगा।
सोशल मीडिया के सुधार लिए ये कानून काफी अच्छा है। पर इस कानून का असली मकसद तभी पूरा होगा जब इससे वास्तव में सुधार आएगा। आगे देखना ये है कि ये स्टेप कितने फायदेमंद साबित होने वाले हैं।