पाकिस्तान को तगड़ा झटका, इस वजह से भूखी मरेगी इमरान की जनता

आर्थिक तंगी का मार झेल रहे पाकिस्तान में लोगों की जिंदगी बदतर हो गई है। पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर है। पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने की चीजों के दाम आग लगी हुई है। पाकिस्तान सरकार के आकड़ों के मुताबिक अगस्त में पाकिस्तान में महंगाई 7 साल में सबसे अधिक रही है।

Update: 2023-03-27 22:12 GMT
इतना गिरा पाकिस्तान! जबरन करा रहा धर्म-परिवर्तन, इमरान जानकर भी अंजान

नई दिल्ली: आर्थिक तंगी का मार झेल रहे पाकिस्तान में लोगों की जिंदगी बदतर हो गई है। पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर है। पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने की चीजों के दाम आग लगी हुई है। पाकिस्तान सरकार के आकड़ों के मुताबिक अगस्त में पाकिस्तान में महंगाई 7 साल में सबसे अधिक रही है।

पाकिस्तान में महंगाई का आंकड़ा 11 प्रतिशत को पार कर गया है। यह बढ़कर 11.6 फीसदी पर पहुंच चुका है। पाकिस्तानी करेंसी में गिरावट और IMF की शर्तों को मानने की वजह से महंगाई तेजी से बढ़ रही है। आने वाले दिनों में महंगाई के और बढ़ने की आशंका पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने जताई है।

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महंगाई से मरे रहे पाकिस्तानी

पिछले साल अगस्त में जब इमरान सरकार सत्ता में आई तब पेट्रोल और डीजल क्रमश: जहां 95.24 रुपये और 112.94 रुपये प्रति लीटर था, वहीं अब यह 117.83 रुपये और 132.47 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

खाने वाले तेल की कीमत 180-200 रुपये से बढ़कर 200-220 रुपये प्रति किलो हो गई है, तो वहीं दालों की कीमत भी बढ़ गई है। मूंग, मसूर और अरहर की कीमतें जो पहले 90 रुपये से 100 रुपये के बीच थीं, अब बढ़कर 150 रुपये से 180 रुपये हो गई हैं।

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-पाकिस्तानी मीडिया में आए आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कई उतार-चढ़ाव दिए हैं, लेकिन पिछले कुछ साल में यह औसतन 4.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

-पड़ोसी देख की आर्थिक गति तेजी से नीचे जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के मुताबिक 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसद से भी कम रह जाएगी।

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-आतंकी संगठनों की फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान एशिया पैसिसिफ समूह (एपीजी) से ब्लैकलिस्ट भी हो चुका है।

-ब्लैकलिस्ट होने की स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कई चुनौतियां एक साथ पेश हो गई हैं। पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से बिल्कुल कट जाएगी।

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रिपोर्टस के मुताबिक पाकिस्तानी रुपया 200 प्रति डॉलर के स्तर को छू सकता है। ऐसा होने पर पाकिस्तान में महंगाई और तेजी से बढ़ने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। रोजमर्रा की कई चीजों को भी पाकिस्तान विदेशों से मंगाता है। ऐसे में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए इंपोर्ट महंगा हो जाएगा।

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