Hindu Rashtra Kailasa: भारत से भगोड़े नित्‍यानंद का जानिए कैसा "कैलासा" देश, कैसे मिलती नागरिकता, पढ़िए सारी डिटेल

Hindu Rashtra Kailasa: यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के ट्विटर हैंडल ने गुरुवार को ई-नागरिकता के लिए ई-वीजा के लिए आवेदन मांगे है। यह स्व घोषित देश ध्वज, संविधान, आर्थिक प्रणाली, पासपोर्ट, प्रतीक होने के साथ अपने को हिंदू राष्ट्र भी होने का दावा करता है।

Written By :  Prashant Dixit
Update:2023-03-04 11:37 IST

Flag of Hindu Rashtra Kailasa (Photo: Social Media)

Hindu Rashtra Kailasa: भारत से भगोड़े स्‍वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद अपने तथाकथित देश यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (USK) के प्रतिनिधियों के पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र (UN) की बैठक में शामिल होने के बाद खबरों में हैं। भारत में बलात्कार और अपहरण का आरोपी नित्यानंद 2019 में देश को छोड़ भाग गया और एक साल बाद अपना देश स्थापित करने के दावे के साथ सामने आया था। नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट के पास एक द्वीप खरीदा जहां वह कैलासा नामक देश स्थापित करने का दावा करता है।

इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर स्थित

भारत से भगौड़े नित्यानंद का देश इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर बसा हुआ है। हालांकि, इक्वाडोर की सरकार ने उस वक्त बीबीसी को बताया कि नित्यानंद देश में नहीं है। उसने अपने राष्ट्र कैलाश का नाम तिब्बत में कैलाश पर्वत के नाम पर रखा गया है। जिसको हिंदुओं द्वारा पवित्र माना जाता है। इस कैलासा देश की वेबसाइट के अनुसार, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के हिंदू शैव अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा स्थापित और संचालित कैलासा एक आंदोलन है।

कैलासा की नागरिकता कैसे मिलती

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के ट्विटर हैंडल ने हाल के दिनों में ई-नागरिकता और ई-वीजा के लिए आवेदन मांगे है। यूएसके एक ध्वज, एक संविधान, एक आर्थिक प्रणाली, एक पासपोर्ट और एक प्रतीक भी होने का दावा करता है। हर दूसरे देश की तरह कैलासा में भी विभाग हैं जैसे राजकोष, वाणिज्य, संप्रभु, आवास, मानव सेवा और अन्य, जैसा कि इसकी वेबसाइट पर उल्लेख किया गया है। कैलासा खुद को अंतर्राष्ट्रीय हिंदू डायस्पोरा के लिए घर और शरण कहता है।

कैलासा एक मान्यता प्राप्त देश ?

यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां नित्यानंद संघर्ष कर रहा है। वह उसके प्रतिनिधि उन घटनाओं के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते हैं, जिनमें काल्पनिक देश ने भाग लिया और अधिकारियों और सरकारों के साथ बैठकें की है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने कैलाश को मान्यता नहीं दी है। 1933 के मोंटेवीडियो सम्मेलन के अनुसार, जिसे प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कानून के हिस्से के रूप में स्वीकार किया गया है। एक क्षेत्र को देश कहलाने के लिए, इसमें एक स्थायी आबादी, एक सरकार और अन्य देशों के साथ संबंध रखने की क्षमता होनी जरूरी है।

विजयप्रिया नित्यानंद पहुंची संयुक्त राष्ट्र

नित्यानंद ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कैलासा के प्रतिनिधियों को संयुक्त राष्ट्र में भेजा था। लेकिन यूएन ने विजयप्रिया नित्यानंद द्वारा दिए गए व्‍याख्‍यानों को अप्रासंगिक करार दिया और कहा कि अंतिम परिणाम के मसौदों में उन पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त होने के बाद एक देश को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तक पहुंच हो जाती है। जिससे उस देश के संचालन और के लिए जरूरी वस्तुओं का दूसरे देशों से सुलभता से उपलब्ध करवाया जा सकता है।

कैलासा सूक्ष्म राष्ट्र स्व-घोषित संस्था

यदि किसी क्षेत्र ने देश का दर्जा प्राप्त नहीं किया है। तो उसे सूक्ष्म राष्ट्र कहा जाता है। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक एक सूक्ष्म राष्ट्र स्व-घोषित संस्था हैं। जो स्वतंत्र संप्रभु राज्य होने का दावा करती हैं। लेकिन उसको अंतर्राष्ट्रीय समुदाय या संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं होती हैं।

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