Corona Virus: चीन में कोरोना के बढ़ते मामले भारत के लिए चिंताजनक, क्या मार्च तक फिर फैलेगा देश में कोरोना?
Corona Virus: दुनिया को कोरोना जैसी महामारी से रूबरू कराने वाला चीन इन दिनों इस बीमारी के भीषण चपेट में है। देश में हालात साल 2020 में आए कोरोना के पहले लहर के जैसे हैं।
Corona Virus: दुनिया को कोरोना (corona virus) जैसी महामारी से रूबरू कराने वाला चीन इन दिनों इस बीमारी के भीषण चपेट में है। देश में हालात साल 2020 में आए कोरोना के पहले लहर के जैसे हैं। अस्पतालों में दवाईओं और बेड के लिए मारामारी हो रही है। सड़कें सूनी और गलियां वीरान हो रखी हैं। शमशान घाटों में लाशों का अंबार लगा हुआ है। चिकित्सा केंदों पर लोगों की लंबी–लंबी कतारें हैं। विश्व के सामने खुद को एक आर्थिक और सैन्य महाशक्ति के तौर पर पेश करने वाला चीन कोरोना के सामने बिल्कुल बेबस नजर आ रहा है।
चीन में उत्पन्न इस संकट से भारत जैसे दुनिया के अन्य देश भी चिंतित हैं। क्योंकि साल 2020 में इस खतरनाक वायरस ने यहीं से बाकी दुनिया के लिए उड़ान भरी थी। चीन के मौजूदा हालात बताते हैं कि कोरोना को हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं है और ये समस्या अभी खत्म नहीं हुई है। चीन और जापान जैसे देशों में कोरोना की नई लहर के पीछे विशेषज्ञ ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट BF.7 को प्रमुख जोखिम कारक मान रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, मार्च तक कोरोना चीन में तबाही मचा देगा। अप्रैक में ये अपने पीक पर होगा। ऐसे में दूसरी लहर की तरह क्या भारत में भी मार्च तक कोरोना की नई लहर आ सकती है?
भारत को खतरा नहीं
हावर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर और इंटरनेशनल हेल्थ एडवाइजर डॉ. रामशंकर उपाध्याय भारत में कोरोना की नई वेव की बात को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि भारत में टीकाकरण के तीन राउंड पूरे हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना भारत में अब भी मौजूद है लेकिन अब ये लोगों पर उतना असर नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि चीन में कोरोना के विकराल रूप धारण करने के पीछे की वजह वैक्सीनेशन में कमी है।
चीन का दावा है कि उसकी 90 प्रतिशत आबादी वैक्सीनेडेट है। लेकिन हकीकत में ये आंकड़ा मात्र 38 प्रतिशत है। चीनी लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा नहीं है। बुढ़े लोगों में टीकाकरण की दर सबसे कम है। जबकि कोरोना का सबसे अधिक खतरा इसी आयु वर्ग के लोगों को है। इसलिए चीन में मामले तेजी से भाग रहे हैं। इसके अलावा चीन सरकार की जीरो कोविड नीति ने भी वहां के लोगों को नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण लोगों में नेचुरल इम्यून सिस्टम डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ घर से बाहर निकलने के कारण कोरोना विस्फोट हुआ।
भारत में कोरोना के मामलों में गिरावट जारी
वैश्विक स्तर पर जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं भारत में रोजाना के मामलों में गिरावट का सिलसिला जारी है। इस हफ्ते देश में कोरोना के मामले घटकर 1103 हो गए हैं। ये संख्या 23-29 मार्च के बाद सबसे कम हैं। इसी दौरान देश में सबसे पहले लॉकडाउन लगाया गया था। कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी काफी घटी है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ भारत में कोरोना को पूरी तरह कंट्रोल में मान रहे हैं।