भारत और अमेरिका के बाद अब इस बड़े मुल्क ने चीन की रीढ़ की हड्डी पर किया प्रहार

भारत और अमेरिकी से रिश्ते खराब करने के बाद चीन की मुसीबतें लगातार बढती ही जा रही है। इस बार ताइवान ने चीन को तगड़ा झटका दिया है। उसने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कई चीनी ऐप्स को अपने देश में बैन कर दिया है।

Update:2020-08-20 10:40 IST
ताइवान और चीन के राष्ट्रपति की फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत और अमेरिकी से रिश्ते खराब करने के बाद चीन की मुसीबतें लगातार बढती ही जा रही है। इस बार ताइवान ने चीन को तगड़ा झटका दिया है। उसने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कई चीनी ऐप्स को अपने देश में बैन कर दिया है।

ताइवान में अधिकारियों ने चीनी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म iQiyi और Tencent के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। ताइवान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि यह कदम चीनी मीडिया कंपनियों के प्रभाव वाली सहायक कंपनियों के माध्यम से ताइवान में अपनी सामग्री भेजने से रोकने के लिए उठाया गया है।

iQIYI ने अपनी हांगकांग स्थित सहायक कंपनी के माध्यम से ताइवानी एजेंसी iOTT के साथ एक साझेदारी का गठन किया था, जबकि Tencent की WeTV अपने हांगकांग स्थित इमेज फ्यूचर इन्वेस्टमेंट और ताइवान के रेन फेंग मीडिया टेक के बीच एक समझौते के तहत ताइवान में स्ट्रीमिंग कर रही थी।

चीन की प्रतीकात्मक फोटो

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ताइवान की तरफ से कहा गया है कि इस फैसले के बाद व्यक्तियों, कंपनियों और अन्य संगठनों को चीन में इंटरनेट के माध्यम से आने वाली सामग्री को 3 सितंबर से देश में प्रतिबंधित कर देगा। तब तक ताइवान की कंपनियों को अपना डेटा सुरक्षित कर लेने के लिए वक्त दिया गया है जो चीनी कंपनियों के सहयोग से काम कर रही थीं।

वहीं आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर 18 अगस्त को ही ये एलान कर दिया था कि ''फैसले के खिलाफ "हिंसा करने वालों की जांच होगी और राष्ट्रीय संचार आयोग द्वारा इससे निपटा जाएगा।"

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो

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डेटा चोरी का शक

इस बारें में में ताइवान में iQiyi के एजेंट से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने इस पर कोई जवाब दिया दिया। ताइवान के नेशनल चियाओ तुंग विश्वविद्यालय में सूचना इंजीनियरिंग के प्रोफेसर लिन यिंग-ता ने कहा कि iQiyi, Tencent के WeTV और अन्य चीनी प्लेटफार्मों को अंततः चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा कंट्रोल होता है।

बता दे कि ये प्लेटफ़ॉर्म सर्वर साइड पर यूजर्स की निजी जानकारी कलेक्ट सकता है, और मोबाइल या उपयोगकर्ता की सूचना सुरक्षा प्रोटोकॉल के माध्यम से टूट सकता है," उन्होंने कहा, "यह एक सामग्री के मुद्दे के रूप में देखने के लिए भ्रामक है। सामग्री प्रसारण के लिए ठीक है, लेकिन ऐप्स फोन सुरक्षा को क्रैक करके पर्सनल डेटा चोरी करने का प्रबंधन कर सकते हैं।

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