India China News: चीन की बड़ी चाल, तिब्बतियों को अपनी सेना में भर्ती करने के लिए दे रहा ट्रेनिंग

India China News: चीन द्वारा तिब्बतियों को अपनी सेना में शामिल करने की कोशिश का मामला प्रकाश में आया हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि चीन इन तिब्बतियों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दे कहा है। वैसे आपको बका दें कि तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में अधिकांश आबादी चीन की दमनकारी नीतियों के कारण चीनी विरोधी भावना रखती है। साथ ही वह दलाई लामा की अनुयायी भी है।

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Published By :  Satyabha
Update: 2021-07-09 17:20 GMT

फोटो (सोशल मीडिया)

India China News: चीन इन दिनों अपनी सेना (Chinese Army) को और मजबुत करने में जुटा है। दरअसल चीन स्पेशल ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए तिब्बती सैनिकों (Tibetan Troops) को ट्रेनिंग दे रही है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि चीनी सेना ने तिब्बती सैनिकों को अपनी सेना में शामिल करने से पहले एक अभ्यास कराया, जिसमें मेनलैंड चीनी भाषा सीखने सहित कई टेस्ट शामिल थे। जानकारी के मुताबिक, चीनी भारतीय विशेष सीमा बल (Indian Special Frontier Force) की तरह ही एक बल बनाने की कोशिश में है।

तिब्बतियों को अपनी सेना में शामिल कर रहा चीन

सूत्रों से पता चला है कि चीनी सेना के तिब्बती सैनिकों को विशेष अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। और हाल ही में उन्होंने चीन के पीछे के क्षेत्रों में अभ्यास किया है। चीनी तिब्बतियों को अपनी सेना में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में अधिकांश आबादी चीन की दमनकारी नीतियों के कारण चीनी विरोधी भावना रखती है और वह दलाई लामा (Dalai Lama) की अनुयायी है।

बता दें कि भारत और चीन पिछले साल अप्रैल-मई से सैन्य गतिरोध की स्थिति में हैं और हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा ऊंचाइयों सहित कई बिंदुओं पर तनाव को कम करने के लिए समाधान खोजना बाकी है। भारतीय और चीनी पक्ष पिछले साल से एक-दूसरे से बात कर रहे हैं और सैन्य और राजनयिक (military and diplomat) दोनों स्तरों पर कई दौर की बातचीत की है। लेकिन पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) के उत्तरी और दक्षिणी दोनों किनारों पर दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों की सीमित पारस्परिक वापसी को छोड़कर इसका कोई अधिक समाधान नहीं निकल सका है।

गौरतलब हो कि भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। 1 मई 2020 को दोनों देशों के सौनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख के पैगोन्ग त्सो झील के नॉर्थ बैंक में झड़प हुई थी। इस झड़प में दोनों ही पक्षों के दर्जनों सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद 15 जून को विवादित गलवान घाटी में एक बार फिर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिकों की मौत हुई। वहीं, देखा जाए तो दोनों देश सीमा के पास यानी लाइन ऑफ़ एक्चुएल कंट्रोल (एलएसी) पर अपनी सेना की तैनाती बढ़ा रहे हैं। ये इस बात का इशारा हो सकता है कि आने वाले दिनों में डी-एस्केलेशन नहीं होगा।

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