US News: चर्चा में छाया ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम शब्द, क्या यह वास्तव में एक मानसिक बीमारी है?
Trump Derangement Syndrome: यह शब्द यह दर्शाने के लिए गढ़ा गया कि ट्रंप विरोधी उनकी किसी भी नीति या बयान को तर्कसंगत रूप से देखने के बजाय स्वतः नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं।;
Trump Derangement Syndrome (photo: social media )
Trump Derangement Syndrome: डोनाल्ड ट्रंप ने जब 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। तब उनकी प्रशासनिक शैली, अप्रत्याशित फैसले और विवादास्पद नीतियां अमेरिका और वैश्विक राजनीति में भारी उथल-पुथल लेकर आईं। 2017 से 2021 तक ट्रंप के शुरुआती कार्यकाल में भी उनके निर्णयों ने राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और कूटनीतिक मोर्चों पर हलचल मचा दी थी। यही वजह है कि विरोधाभासी विसंगतियों के बीच ट्रंप से जुड़े कुछ जुमले उनके विरोधियों के बीच खासा चर्चित हो रहें हैं। व्हाइट हाउस के गलियारों से लेकर सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन चुका ऐसा ही एक व्यंग्यात्मक जुमला है 'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' (Trump Derangement Syndrome - TDS), जिसे ट्रंप समर्थक उनके आलोचकों को नीचा दिखाने के लिए इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। यह शब्द यह दर्शाने के लिए गढ़ा गया कि ट्रंप विरोधी उनकी किसी भी नीति या बयान को तर्कसंगत रूप से देखने के बजाय स्वतः नकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं।
कैसे बना 'TDS' एक जुमला?
ट्रंप समर्थकों का हथियार – TDS का उपयोग ट्रंप के प्रति अतिवादी घृणा दिखाने वालों को असत्यापित और अतार्किक साबित करने के लिए किया जाता है। राजनीतिक बहसों में दबाव बनाने का तरीका – जब कोई ट्रंप की आलोचना करता है, तो समर्थक उसे 'TDS पीड़ित' बताकर उसकी बातों को महत्वहीन बना देते हैं।
सोशल मीडिया और दक्षिणपंथी मीडिया की भूमिका – फ़ॉक्स न्यूज़, ट्रंप समर्थक पत्रकारों और ऑनलाइन ट्रोल्स ने इस शब्द को मज़ाक के रूप में लोकप्रिय बना दिया।'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' (Trump Derangement Syndrome - TDS) एक अनौपचारिक और व्यंग्यात्मक शब्द है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक उनके कट्टर आलोचकों के लिए करते हैं। यह अवधारणा इस विचार को दर्शाती है कि ट्रंप विरोधी लोग तर्कसंगत सोचने की क्षमता खो बैठते हैं और उनकी किसी भी नीति या बयान का बिना सोचे-समझे विरोध करते हैं। हाल ही में, कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने इसे मानसिक बीमारी की श्रेणी में डालने का प्रस्ताव दिया है, जिससे यह बहस तेज हो गई है कि क्या वास्तव में इसे कोई नैदानिक समस्या माना जाना चाहिए।
शब्द की उत्पत्ति और उपयोग
'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' शब्द पहली बार 2018 में द वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार चार्ल्स क्राउथमर द्वारा परिभाषित किया गया था। क्राउथमर, जो स्वयं एक प्रमाणित मनोचिकित्सक थे, ने इसे इस प्रकार समझाया:
"TDS एक मानसिक स्थिति है, जिसमें कोई व्यक्ति डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में इतनी अधिक तर्कहीनता से घिर जाता है कि वह अपनी आलोचना में अतिशयोक्ति कर बैठता है और वास्तविकता से कट जाता है।"
हालांकि, इस शब्द की जड़ें 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से ही देखी जा सकती हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी और बाद में उनकी जीत ने अमेरिका में राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया। ट्रंप समर्थकों ने उनके आलोचकों की अतिवादी प्रतिक्रियाओं का मज़ाक उड़ाने के लिए इस शब्द का उपयोग करना शुरू कर दिया।
ट्रंप के समर्थकों और दक्षिणपंथी मीडिया द्वारा डेमोक्रेट्स, उदारवादियों (Liberals), और मुख्यधारा मीडिया की आलोचना करने के लिए। ट्रंप के विरोधियों पर यह आरोप लगाने के लिए कि वे उनकी किसी भी नीति को निष्पक्ष रूप से देखने में असमर्थ हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और टीवी डिबेट्स में एक व्यंग्यपूर्ण तर्क के रूप में।
रिपब्लिकन सांसदों का दावा और हालिया विवाद
2025 में, कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा कि 'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' को मानसिक विकार के रूप में वर्गीकृत किया जाए। उनका तर्क है कि:
1.ट्रंप विरोधियों का व्यवहार अतार्किक और चरमपंथी बन गया है। राजनैतिक
2.कुछ उदारवादी मीडिया संगठन और डेमोक्रेट्स ट्रंप को लेकर लगातार झूठ फैलाते हैं, जो उनकी मानसिक स्थिरता पर सवाल उठाता है।
3.ट्रंप की नीतियों का मूल्यांकन व्यक्तिगत घृणा के आधार पर किया जाता है, न कि तर्कसंगत रूप से। हालांकि, इस प्रस्ताव को डेमोक्रेट्स और कई मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यह महज राजनीतिक हथकंडा है, जिसका उद्देश्य ट्रंप विरोधियों को बदनाम करना है।
क्या 'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' वास्तव में एक मानसिक बीमारी है?
वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
अमेरिकी मनोरोग संघ (American Psychiatric Association - APA) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों ने TDS को किसी भी मान्यता प्राप्त मानसिक विकार के रूप में स्वीकार नहीं किया है।मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, किसी नेता या राजनीतिक विचारधारा के प्रति असहमति व्यक्त करना मानसिक बीमारी नहीं हो सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक ध्रुवीकरण और मीडिया की भूमिका के कारण ट्रंप को लेकर अतिशय प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलती हैं, लेकिन इसे 'मानसिक अस्थिरता' नहीं कहा जा सकता।
क्या यह महज एक राजनीतिक हथियार है?
कई विश्लेषकों का मानना है कि TDS का उपयोग ट्रंप समर्थकों द्वारा उनके आलोचकों को चुप कराने के लिए किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति ट्रंप की नीतियों की आलोचना करता है, तो उसे 'TDS से पीड़ित' बताकर उसकी राय को महत्वहीन बना दिया जाता है।
आलोचना और राजनीतिक प्रभाव
डेमोक्रेट्स का पक्ष
TDS का उपयोग ट्रंप के घोटालों और विवादों से ध्यान हटाने के लिए किया जाता है। यह एक मनगढ़ंत शब्द है, जो लोगों की वैध चिंताओं को नकारने के लिए गढ़ा गया है। यदि TDS को मानसिक बीमारी माना जाए, तो क्या ओबामा या बाइडेन विरोधियों के लिए भी यही तर्क लागू होगा?
ट्रंप समर्थकों का पक्ष
ट्रंप के आलोचक अक्सर अतिवादी भाषा और हेट-स्पीच का उपयोग करते हैं, जो उनके मानसिक पूर्वाग्रह को दर्शाता है।मुख्यधारा मीडिया ट्रंप के खिलाफ इतनी नकारात्मक है कि वे सकारात्मक उपलब्धियों को भी अनदेखा कर देते हैं।
ट्रंप विरोध का स्तर अब स्वस्थ लोकतांत्रिक असहमति से आगे बढ़कर व्यक्तिगत द्वेष बन चुका है।'ट्रंप डिरेंजमेंट सिंड्रोम' एक राजनीतिक और व्यंग्यात्मक शब्द है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हालांकि कुछ लोग इसे ट्रंप विरोधियों के अतार्किक व्यवहार के रूप में देखते हैं, लेकिन इसे मानसिक बीमारी घोषित करना राजनीतिक विवादों को और बढ़ावा देगा।
रिपब्लिकन सांसदों का यह प्रयास ट्रंप विरोधियों को बदनाम करने और उनके तर्कों को अस्वीकार्य बताने का एक तरीका हो सकता है। वहीं, डेमोक्रेट्स और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक मनगढ़ंत अवधारणा है, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। अंततः, यह बहस राजनीतिक मतभेदों और ध्रुवीकरण का ही एक और उदाहरण है, जो अमेरिका की राजनीति में गहराई से समाया हुआ है।