रूस ने रची साजिश: खुफिया रिपोर्ट में दावा, बिडेन के खिलाफ ट्रंप-पुतिन आए साथ

अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका में नवंबर 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में जो बाइडन के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के अभियानों को स्वीकृति दी थी।

Update:2021-03-18 10:40 IST
जो बाइडन के विरुद्ध पुतिन ने की थी ट्रंप की मदद, खुफिया रिपोर्ट में हुआ खुलासा

वॉशिंगटन: बीते साल अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस की भूमिका एक बार फिर विवादों में घिर गई है। देश की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका में नवंबर 2020 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में जो बिडेन के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के अभियानों को स्वीकृति दी थी।

रूस और ईरान ने की चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश

हालांकि इसके मतदान प्रक्रिया पर असर पड़ने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। खुफिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रूस और ईरान ने चुनाव नतीजों को प्रभावित करने की व्यापक कोशिशें की थीं, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो।

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नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के कार्यालय से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में अमेरिका में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेमलिन और ईरान ने मतदान पर विश्वास कम करने और ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की।

हालांकि खुफिया एजेंसियों को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि किसी विदेशी दखल से मतों या मतदान प्रक्रिया पर कोई असर पड़ा हो। राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक के कार्यालय से जारी 15 पन्ने की रिपोर्ट में अमेरिका में 2020 में हुए चुनावों में विदेशी दखल का विस्तृत आकलन दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस से जुड़े लोगों ने बाइडन के 3 नवंबर को चुनाव से ठीक पहले बिना तथ्य भ्रामक सूचनाएं फैलाईं, जिनका मकसद चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करना था।

ईरान ने ट्रंप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की...

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रूस और ईरान की तरफ से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने का अभियान चलाया गया था। इस दौरान ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें कीं, लेकिन ईरान के खिलाफ भी जांच एजेंसियों को किसी तकनीकी पहलू से छेड़छाड़ में विदेशी दखल के सुबूत नहीं मिले।

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चीन ने नहीं दिया दखल

अमेरिका में जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने चुनाव में दखल नहीं दिया। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि चीन अमेरिका के साथ स्थिर संबंध को अहमियत देता है और उसने चुनाव में हस्तक्षेप करके इसमें पकड़े जाने का किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया। गौरतलब है कि 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी रूस पर नतीजों को प्रभावित करने का आरोप लग चुका है। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति जो बिडेन क्या कदम उठाते हैं।

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