मोदी सरकार के 'झटके' से तिलमिलाया चीन का ग्लोबल टाइम्स, Make in India पर दी नसीहत, संरक्षणवादी नीतियों का आरोप

Global Times on Make in India: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद 'मेक इन इंडिया' अभियान लॉन्च किया था। भारत सरकार लगातार ऐसे फैसले लेती रही है जिससे 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिले। इसी कड़ी में भारत ने लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया।

Update:2023-08-07 20:06 IST
पीएम नरेंद्र मोदी (Social Media)

Global Times on Make in India: भारत सरकार ने 'मेक इन इंडिया' (Make in India) को बढ़ावा देने के लिए बीते दिनों बड़ा फैसला लिया था। मोदी सरकार ने अपने निर्णय में लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर बैन (Ban on Import of Laptops-Computers) की घोषणा की थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन के जरिये कहा था कि, 'अब इन सामानों के आयात के लिए वैध लाइसेंस लेना आवश्यक होगा। भारत सरकार का ये फैसला 1 नवंबर 2023 से लागू हो जाएगा। इसी से अब चीन बौखलाया हुआ है।

भारत सरकार के इस कदम से चीन को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, चीन का इलेक्ट्रॉनिक बाजार बहुत बड़ा है। लैपटॉप, कंप्यूटर बेचने वाली तकरीबन सभी कंपनियां चीन सरीखे देशों से ही भारत को सप्लाई करती हैं। भारत द्वारा लगाए गए आयात प्रतिबंध (Import Restrictions) से चीन का सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स) बुरी तरह बौखलाया हुआ है। अपने एक लेख में 'ग्लोबल टाइम्स' ने भारत के 'Make in India' पर अपनी भड़ास निकाली है।

'संरक्षणवादी नीतियां' जारी कर रही मोदी सरकार

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र कहे जाने वाले 'ग्लोबल टाइम्स' ने आर्टिकल में लिखा है कि, 'जब से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने 'मेक इन इंडिया' शुरू किया है, तब से भारत लगातार कई सामानों के आयात पर रोक लगाने तथा स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए संरक्षणवादी (Protectionism) नीतियां जारी करता जा रहा है।'

भारत के प्रति निवशकों का विश्वास भी कमजोर होगा

चीनी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' आगे लिखता है 'फिर भी भारत सरकार अपनी कोशिशों में नाकामयाब रही है, जो दिखाता है कि भारत उत्पादन (Manufacturing) समस्याओं से निपटने में असफल रहा है। अख़बार लिखता है, इससे भारत के कारोबारी माहौल में निवशकों का विश्वास भी कमजोर होगा।'

Global Times ने किया दर्द बयां

ग्लोबल टाइम्स आगे लिखता है, 'मोदी सरकार का ये कदम भारत के संरक्षणवाद का एक और स्पष्ट प्रदर्शन है। मगर, विडंबना ये है कि विदेशी निवेश (Foreign Investment) के लिए बेचैन भारत सरकार लगातार विदेशी कंपनियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। चाहे वह Xiaomi जैसी चीनी कंपनियां हों, या शेल (shell), नोकिया (Nokia), आईबीएम (IBM), वॉलमार्ट (Walmart) सहित अन्य विदेशी कंपनियां। भारत कभी भी उनके खिलाफ जांच शुरू करने और विदेशी कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने का बहाना ढूंढ सकता है।'

चीन के बिना पूरा नहीं हो पाएगा भारत का सपना

इतना है नहीं, ग्लोबल टाइम्स अपने एक अन्य लेख में कहता है कि, 'भारत की नरेंद्र मोदी सरकार को 'मेक इन इंडिया' के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए चीन की सख्त आवश्यकता है। अख़बार विशेषज्ञों का हवाला देते हुए लिखता है कि, मोदी सरकार के इस अभियान को 'Made in China' के साथ मिलकर चलना होगा, तभी जाकर यह सफल होगा।

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