Pig Kidney: सूअर की लगवाई किडनी फिर भी हो गई मौत

Pig Kidney: मैसाचुसेट्स के जनरल हॉस्पिटल में उनकी चार घंटे की सर्जरी की गई थी और फिर सफलतापूर्वक सूअर की जेनेटिकली मोडिफाइड किडनी प्रत्यारोपित की गई थी।

Update: 2024-05-12 08:45 GMT

मृतक रिचर्ड स्लेमैन (सोशल मीडिया)

Pig Kidney: एक व्यक्ति ने सूअर की किडनी लगवाई, लेकिन उसके बाद भी वह जिंदा न रह सका। किडनी लगवाने के तीन महीने बाद ही उसकी मौत हो गई। दुनिया में सबसे पहले सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करवाकर चर्चा में आए 62 साल के रिचर्ड स्लेमैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी मौत हो गई है। उनके परिवार का कहना है कि उनकी मौत का कारण नहीं पता चल सका है।

ट्रांसप्लांट संबंधित किसी कारण से नहीं हुई मौत

वहीं मैसाचुसेट्स के जिस अस्पताल में रिचर्ड स्लेमैन की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी उसका कहना है कि ट्रांसप्लांट संबंधित किसी कारण से उनकी मौत नहीं हुई है। बता दें कि मैसाचुसेट्स के जनरल हॉस्पिटल में उनकी चार घंटे की सर्जरी की गई थी और फिर सफलतापूर्वक सूअर की जेनेटिकली मोडिफाइड किडनी प्रत्यारोपित की गई थी।

अस्पताल ने कहना है कि रिचर्ड स्लेमैन की मौत से अस्पताल की पूरी टीम दुखी है। हालांकि उनमें कोई ऐसे लक्षण नहीं दिखाई दिए जिससे कहा जा सके कि उनका किडनी ट्रांसप्लांट सफल नहीं हुआ या उससे संबंधित कोई दिक्कत बाद में आ गई।

2018 में पहली बार मानव किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी

बता दें कि स्लेमैन पहले से ही टाइप टू डाइबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारी से जूझ रहे थे। कई सालों तक उन्होंने डाइलिसिस करवाया था। दिसंबर 2018 में उन्होंने पहली बार मानव किडनी ट्रांसप्लांट करवाई थी। यह सर्जरी भी इसी अस्पताल में हुई थी। दुर्भाग्य की बात यह रही कि पहले ट्रांसप्लांट के पांच साल में ही वह किडनी जबाव देने लगी। उसके बाद 2023 में उनका फिर से डायलिसिस होने लगा। इससे उनके जीवन पर काफी बुरा असर पड़ रहा था। अस्पताल ने अपने बयान में कहा, स्लेमैन को हमेशा याद रखा जाएगा क्योंकि उन्होंने मेडिकल साइंस के विकास में भी योगदान दिया है। वह बेहद सरल और दयालु स्वभाव के इंसान थे।

इस प्रक्रिया से तैयार किया गया था

बता दें कि स्लेमैन के शरीर में प्रत्यारोपित किडनी को कैंब्रिज फार्मा कंपनी से इ जेनेसिस की प्रक्रिया से तैयार किया गया था। सीआरआईएसपीएर कैस9 प्रक्रिया के तहत सूअर से किडनी निकाली गई थी और मोडिफाई की गई थी। इसमें पिग के जीन्स निकाले गए थे और कुछ मानव जीन्स डाले गए थे। इस सर्जरी के बाद स्लेमैन के परिवार के लोग भी काफी खुश थे और उन्होंने अस्पताल को इसके लिए धन्यवाद भी किया था।

उनके परिवार ने कहा कि स्लेमैने ने दोबारा ट्रांसप्लांट इसीलिए करवाया कि इस बीमारी से जूझ रहे हजारों लोगों को नया रास्ता मिल जाए और लोगों की जान बच जाए। अब उनकी मौत के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं। उनकी मौत की असली वजह क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकता है।

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