ला पाज। बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस देश छोड़ कर मेक्सिको चले गए और वहां राजनीतिक शरण ले ली। मेक्सिको की वामपंथी सरकार ने समाजवादी मोरालेस के प्रति समर्थन जताया है और अपनी वायु सेना के विमान से सुरक्षित उन्हें बाहर निकाला। मोरालेस ने 14 सालों तक बोलीविया पर शासन किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वे मेक्सिको के शुक्रगुजार हैं लेकिन राजनीतिक कारणों की वजह से बोलीविया छोड़ते हुए उन्हें दुख हो रहा है। उन्होंने ये भी लिखा, 'मैं जल्द वापस आऊंगा, और ज्यादा ताकत और ऊर्जा के साथ।'
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बोलीविया में पिछले कई हफ्तों से प्रदर्शन चल रहे हैं। मोरालेस पर आरोप है कि 20 अक्टूबर को हुए चुनावों में उन्होंने धांधली करके जीत हासिल की। लम्बे विरोध के बाद न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके हर संवैधानिक उत्तराधिकारी को इस्तीफा देना पड़ा। इस वजह से एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि आखिर उनकी जगह कौन लेगा। मेक्सिको की सरकार ने इन घटनाओं को एक तख्तापलट के जैसा बताया क्योंकि ये बोलीविया की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ थीं। वैसे, मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रे मानुएल लोपेज ओबराडोर ने बोलीविया के लोगों की जान जोखिम में डालने की जगह इस्तीफा देने के मोरालेस के फैसले की सराहना की है।
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मोरालेस का यूं उनके देश से चले जाना उनके राजनीतिक करियर में एक नाटकीय पल था। वे कभी बोलीविया के पहाड़ी मैदानों में एक चरवाहे का जीवन बिताते थे। बाद में वे कोको की खेती करने वालों के यूनियन के नेता भी बने। धीरे धीरे राजनीति में उनका कद बढ़ता गया और वे बोलीविया के पहले देसी राष्ट्रपति बने। बतौर राष्ट्रपति, उन्हें लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का और सामाजिक अधिकारों को बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है। बोलीविया दक्षिण अमेरिका का सबसे गरीब देश है लेकिन मोरालेस ने लगभग 14 वर्षों तक देश को एक स्थिर नेतृत्व दिया और इस दौर में देश में आर्थिक विकास भी हुआ।
मोरालेस पर बोलीविया के चुनाव में धांधली के आरोप हैं और सत्ता में बने रहने की उनकी जिद उनके राजनीतिकत पतन का कारण बन गई। मोरालेस की सरकार गिरने और उनके मेक्सिको चले जाने से दक्षिणी अमेरिका में राजनीतिक संकट और गहरा गया है। पिछले कई हफ्तों से बोलीविया, एक्वाडोर और चिली जैसे देशों में अशांति फैली हुई है। इन सबका मूल कारण गरीबी और सामाजिक असमकानता है।