नेपाल में ओली पर खतरा बरकरार, प्रचंड गुट के अड़ने से बैठक बेनतीजा समाप्त

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच खींचतान समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की सर्वोच्च संस्था की लंबी बैठक में भी संकट का समाधान नहीं ढूंढा जा सका।

Update:2020-07-19 09:37 IST

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच खींचतान समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की सर्वोच्च संस्था की लंबी बैठक में भी संकट का समाधान नहीं ढूंढा जा सका। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह बैठक करीब 4 घंटे तक चली मगर इस दौरान ओली के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। नेपाल में पिछले काफी दिनों से पीएम ओली के भविष्य को लेकर सियासी जंग छिड़ी हुई है और ओली पीएम पद छोड़ने को तैयार नहीं है।

बैठक में नहीं निकल सका कोई नतीजा

सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ नेता गणेश शाह ने बताया कि एसीपी के नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय की बैठक के दौरान मुद्दे पर गंभीर चर्चा तो हुई मगर बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका। उन्होंने कहा कि बैठक में रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक के दौरान पेश किए जाने वाले एजेंडे पर भी चर्चा की गई। पार्टी प्रवक्ता एन श्रेष्ठ ने बताया कि बैठक में गतिरोध तो नहीं समाप्त किया जा सका मगर पार्टी नेताओं ने आम सहमति से मुद्दों को सुलझाने पर सहमति जताई। अब रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा होगी।

ओली पद न छोड़ने पर अड़े

दरअसल नेपाल की सियासत इस समय गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है क्योंकि पीएम ओली प्रधानमंत्री पद और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पद में से कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं है। दूसरी और पार्टी के ताकतवर नेता प्रचंड पीएम पद से ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर दोनों नेताओं के अड़ियल रुख के कारण अभी तक संकट का समाधान नहीं हो सका है।

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स्थायी समिति की बैठक पहले ही होने वाली थी, लेकिन दोनों नेताओं को बातचीत के लिए और समय देने के वास्ते इसे रविवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक की तारीख भी तय की जा सकती है।

ओली के बयान का भारी विरोध

इस बीच नेपाल में पीएम ओली का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। ओली द्वारा भारत की अयोध्या को नकली बताने और असली अयोध्या नेपाल में होने के बयान का भी देश में तीखा विरोध किया जा रहा है। ओली के बयान के खिलाफ जनकपुर में बड़ा प्रदर्शन किया गया जिसमें साधु-संतों के अलावा सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों ने आरोप लगाया कि ओली ओछे बयान देकर नेपाल की छवि बिगड़ने के साथ ही भारत और नेपाल के रिश्तो में खटास पैदा कर रहे हैं।

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भारत और नेपाल के रिश्तों में कटुता

नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के कई सदस्यों का भी आरोप है कि ओली के रवैये के कारण भारत और नेपाल के रिश्ते में कटुता पैदा हुई है। ओली ने पिछले दिनों नेपाल के विवादित नक्शे में भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधूरा को शामिल कराया था। उन्होंने भारत पर प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए साजिश रचने का भी आरोप लगाया था।

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