Ram Navami Violence: रामनवमी हिंसा पर मुस्लिम देशों के संगठन OIC का आया बयान, भारत ने दिया करारा जवाब
Ram Navami Violence: रामनवमी के मौके पर देश के कुछ हिस्सों में घटी सांप्रदायिक घटना को मुद्दा बनाते हुए ओआईसी ने भारत के खिलाफ बयान जारी किया है।
Ram Navami Violence: इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने एकबार फिर भारत के आंतरिक मसले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। रामनवमी के मौके पर देश के कुछ हिस्सों में घटी सांप्रदायिक घटना को मुद्दा बनाते हुए ओआईसी ने भारत के खिलाफ बयान जारी किया है। इसमें कहा रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर चिंता प्रकट की गई है। मुस्लिम देशों के संगठन की ओर से यह बयान सोमवार को जारी किया गया था। जिसपर भारत ने अब पलटवार किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी की खिंचाई करते हुए कहा कि यह बयान उनके सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडा का हिस्सा है। बागची ने कहा कि हम ओआईसी के बयान की निंदा करते हैं। ओआईसी ने एकबार फिर जाहिर कर दिया है कि वो सांप्रदायिक विचारधारा रखते हैं और उनका एजेंडा भारत विरोधी है।
विदेश मंत्रालय के बयान पर अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान और तुर्की जैसे भारत विरोधी देशों की ओर संकेत करते हुए कहा गया कि ओआईसी केवल भारत विरोधी ताकतों से गुमराह होकर अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
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Our response to media queries on the statement issued by OIC Secretariat regarding India:https://t.co/CYtJely0hO pic.twitter.com/VnGUVyqXpf
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 4, 2023
क्या कहा था OIC ने ?
सोमवार को OIC की ओर से जारी बयान में बिहारशरीफ और सासाराम में हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया कि दोषियों के विरूद्ध भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई। 31 मार्च को बिहारशरीफ में हुई घटना का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा गया कि अतिवादी हिंदुओं की एक भीड़ ने एक मदरसे और लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया। ओआईसी ने अपने बयान में इस्लामोफोबिया का भी जिक्र किया है।
OIC को क्यों नहीं गंभीरता से लेता भारत ?
इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) का हमेशा से भारत के खिलाफ रूख रहा है। पाकिस्तान की शह पर यह संगठन अक्सर जम्मू कश्मीर के अलावा भारत के अन्य आतंरिक मसलों पर बेवजह की टिप्पणी करते रहता है। यही वजह है कि भारत सरकार भी संगठन को उसी सख्त लहजे में जवाब देती है और उसे आईना भी दिखाते रहती है।
दरअसल, OIC की नींव 1967 में अरब-इजरायल युद्ध के बाद मई 1971 में पड़ी थी। इसका सबसे अहम मकसद था फिलिस्तीन को इजरायल के साए से मुक्त करना। ओआईसी के स्थापना के 50 साल से अधिक हो गए हैं। लेकिन यह संगठन अपने इस मकसद में कितना कामयाब हो पाया है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इतने सालों में फिलिस्तीन ने अपनी अधिकांश जमीन इजरायल के हाथों गंवा दिया है। इतना ही नहीं दुनिया के नक्शे से इजरायल को गायब करने की बात करने वाले कुछ अहम खाड़ी देश जो कि इस संगठन के प्रभावी सदस्य हैं, उनके रिश्ते इजरायल से अब काफी प्रगाढ़ हो चुके हैं।