न्यूजीलैंड में एनजैक डे पर, जान गंवाने वाले जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि 15 मार्च को नरसंहार हुआ था, जिसमें 50 लोग मारे गए थे और लगभग उतने ही घायल हुए थे। इस घटना से यह पता चलता है कि दुनिया में ‘‘अभी भी बहुत मतभेद है, जिनसे पार पाना है।’’

Update: 2019-04-25 05:12 GMT

वेलिंगटन: क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुये हमले के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के बीच, बृहस्पतिवार को वार्षिक एनजैक डे की सुबह न्यूजीलैंड में हजारों लोगों ने युद्ध में जान गंवाने वाले अपने जवानों को श्रद्धांजलि दी।

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न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कहा कि 15 मार्च को नरसंहार हुआ था, जिसमें 50 लोग मारे गए थे और लगभग उतने ही घायल हुए थे। इस घटना से यह पता चलता है कि दुनिया में ‘‘अभी भी बहुत मतभेद है, जिनसे पार पाना है।’’

एनजैक डे हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 25 अप्रैल, 1915 को जर्मन-समर्थित ओटोमन बलों के खिलाफ एक कमजोर अभियान के तहत तुर्की प्रायद्वीप पर गैलीपोली में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के सैनिकों ने युद्ध में भाग लिया था। इस युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के सम्मान में एनजैक डे मनाया जाता हैं, जिसमें देश के नागरिक अपने वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

उस युद्ध में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के 10,000 से अधिक सैनिकों की मौत हो गई थी।

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इसी तरह के कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में भी आयोजित किए गए।

स्वतंत्रता, लोकतंत्र और शांति के लिए प्रतिबद्धता को दोहराते हुये अर्डर्न ने ऑकलैंड में कहा कि प्रत्येक एनजैक डे पर, हम उन सिद्धांतों को दोहराते हैं जिनके लिए देश ने संघर्ष किया था।

(भाषा)

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