Azerbaijan vs Armenian: दोनों देशों के बीच फिर शुरू हुआ गतिरोध, संघर्ष में आर्मेनिया के 19 सैनिक घायल, एक की मौत

Azerbaijan vs Armenian: मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश अजरबैजान ने दावा किया है कि उसने विवादित इलाका नागोर्नो-काराबाख के कई पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-08-04 11:45 IST

Azerbaijan vs Armenian (photo: social media )

Azerbaijan vs Armenian: सोवियत संघ का हिस्सा रहे दो अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच एकबार फिर लड़ाई शुरू हो गई है। दोनों देश नागोर्नो-काराबाख इलाक़े को लेकर एकबार फिर आमने-सामने हैं। मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश अजरबैजान ने दावा किया है कि उसने विवादित इलाका नागोर्नो-काराबाख के कई पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। आर्मेनिया ने भी इस संघर्ष की पुष्टि की है। बता दें कि आर्मेनिया एक ईसाई देश है। दोनों देशों के बीच तनाव सोवियत यूनियन के विघटन के बाद से ही जारी है।

अजरबैजान ने इस संघर्ष के लिए आर्मेनिया को जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि आर्मेनिया ने विवादित इलाके में तैनात उसके एक सैनिक को मार दिया, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई। वहीं आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने इस संघर्ष की पुष्टि करते हुए कहा कि इस हमले में उसके एक सैनिक की मौत और 19 घायल हुए हैं, जिनमें 4 की हालात बेहद गंभीर है।

रूस ने संघर्ष के लिए अजरबैजान को ठहराया जिम्मेदार

अतीत में सोवियत संघ का हिस्सा रहे इन दोनों देशों पर रूस का अच्छा प्रभाव है। रूस दोनों के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाता रहा है। इस क्षेत्र में शांति कायम रखऩे के लिए उसने अपने शांति सैनिक भी तैनात कर रखे हैं। रूस ने मौजूदा गतिरोध के लिए अजरबैजान को जिम्मेदार ठहराया है। क्षेत्र में तैनात रूसी सैनिकों का कहना है कि अजरबैजान के सैनिकों ने तीन बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है।

विवाद की मूल वजह

सोवियत संघ का हिस्सा रहे अजरबैजान और आर्मेनिया 1991 में स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर दुनिया के नक्शे पर आए। इसी दौरान दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाक़े पर कब्जे को लेकर विवाद शुरू हो गया। दरअसल ये इलाका अंतरराष्ट्रीय तौर पर अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन यहां आर्मेनियाई मूल के लोगों की अधिक आबादी होने के कारण ये हिस्सा आर्मेनिया में शामिल हो गया। नागोर्नो-काराबाख के इस घोषणा को अजरबैजान ने खारिज कर दिया और दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। 1994 में रूस के दखल के बाद सीजफायर हुआ लेकिन तनाव बना रहा। यही वजह है समय – समय पर दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें आती रहती हैं।

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