पीएम की रूस यात्रा: द्विपक्षीय बैठक में कई मुद्दों पर होगी बात

गोखले ने सहयोग के नए क्षेत्रों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रूस को कुशल श्रमशक्ति भेजने की संभावना तलाशने के अलावा भारत कृषि क्षेत्र में भी सहयोग देख रहा है।

Update:2019-09-03 09:26 IST

नई दिल्लीः भाईयों एवं बहनों..... जी हां आप सुन रहे हैं पीएम मोदी को, बड़ी खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा पर जा रहे है। पीएम मोदी ईस्ट ईकोनॉमिक फोरम के लिए आज शाम रूस के लिए रवाना होंगे।

खास बात यह है कि दो दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी 5 नवंबर को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ व्लादिवोस्तक में चल रही जूडो मुकाबला देखने भी जाएंगे। उम्मीदें जताई जा रही है कि व्लादिवोस्तोक की यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौते होने के साथ ही तेल और गैस क्षेत्र में गहरे सहयोग के लिए पांच वर्षीय खाका तैयार किया जायेगा।

विदेश सचिव ने दी जानकारी...

संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी की यात्रा के संबंध में बताया कि चेन्नई से व्लादिवोस्तोक को जोड़ने के लिए समुद्री मार्ग चालू करने की संभावना भी तलाश की जाएगी, क्योंकि इससे आर्कटिक मार्ग के जरिए यूरोप भी जोड़ा जा सकता है।

गोखले ने सहयोग के नए क्षेत्रों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रूस को कुशल श्रमशक्ति भेजने की संभावना तलाशने के अलावा भारत कृषि क्षेत्र में भी सहयोग देख रहा है।

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पुतिन के साथ पीएम मोदी करेंगे द्विपक्षीय बैठक...

विदेश सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि रूस कश्मीर मुद्दे पर और सीमा पार आतंकवाद संबंधी चिंताओं पर भारत का पूरा समर्थन करता है। प्रधानमंत्री मोदी चार सितंबर को व्लादिवोस्तोक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 20 वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक करेंगे।मोदी और पुतिन देश के एक प्रमुख पोत निर्माण यार्ड का भी संयुक्त दौरा करेंगे।

इसके साथ ही विदेश सचिव गोखले ने कहा कि पांच सितंबर को, मोदी मुख्य अतिथि के रूप में पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में शामिल होंगे और इस दौरान कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वह और पुतिन व्लादिवोस्तोक में एक अंतरराष्ट्रीय जूडो चैम्पियनशिप का भी दौरा करेंगे जिसमें छह सदस्यीय भारतीय टीम भाग ले रही है।

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कई समझौतों को मिलेगा अंतिम रूप...

उन्होंने बताया कि मोदी की करीब 36 घंटे की यात्रा के दौरान कोयला खनन और बिजली क्षेत्रों सहित कई समझौतों को अंतिम रूप देने की उम्मीद है। गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री की व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग एक प्रमुख क्षेत्र होगा।

विदेश सचिव ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों के पांच साल का खाका (2019-2024) बनाने की उम्मीद है।

भारत अभी अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए खाड़ी क्षेत्र पर बहुत अधिक निर्भर है. गोखले ने कहा कि भारत रूस को हाइड्रोकार्बन के एक प्रमुख स्रोत के रूप में देख रहा है ताकि खाड़ी क्षेत्र पर उसकी पूर्ण निर्भरता समाप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि रूस में तेल और गैस क्षेत्रों के विकास के लिए भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और रूसी संस्थाओं के बीच कुछ आशय- पत्रों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे, साथ ही गोखले ने कहा कि भारत रूस में ने तेल क्षेत्रों में निवेश की घोषणा कर सकता है और रूस से एलएनजी के आयात पर कुछ ठोस फैसला हो सकता है।

उम्मीद है कि शिखर वार्ता में दोनों नेता कई प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. इनमें अफगान शांति प्रक्रिया और खाड़ी क्षेत्र की स्थिति शामिल है।वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग बढ़ाने के तरीके तलाशने पर भी विचार कर सकते हैं।

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