भीषण जंग की आहट: तबाह हो जाएंगे ये देश! सीरिया में भारी बमबारी कर रहा तुर्की

सीरिया में अमरीकी सैनिकों के हटने के बाद से तुर्की लगातार हमला कर रहा है। तुर्की सेना सीरिया में भारी बमबारी कर रही है। अमेरिका ने अचानक अपने सैनिकों को सीरिया से हटाने का फैसला ले लिया है। इसके बाद से ही तुर्की ने कुर्द लड़ाकों के खिलाफ जंग छेड़ दी है।

Update:2023-08-13 19:53 IST

अंकारा: सीरिया में अमरीकी सैनिकों के हटने के बाद से तुर्की लगातार हमला कर रहा है। तुर्की सेना सीरिया में भारी बमबारी कर रही है। अमेरिका ने अचानक अपने सैनिकों को सीरिया से हटाने का फैसला ले लिया है। इसके बाद से ही तुर्की ने कुर्द लड़ाकों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। बता दें कि यह विश्व का सबसे बड़ा कुर्द क्षेत्र है। यहां करीब 30 लाख कुर्द रहते हैं।

अमेरिका के सेना हटाने के फैसले से तुर्की के लिए कुर्दों पर हमला करने का रास्ता साफ हो गया। तुर्की और कुर्द लड़ाकों की दशकों पुरानी दुश्मनी है। आम तौर पर कुर्दों को अमेरिका का खास सहयोगी माना जाता है।

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तुर्की समर्थित लड़ाके सीमावर्ती शहर रास अल अइन में अंदर तक घुस गए हैं। तुर्की सेना और सीरियन वॉर मॉनिटर के मुताबिक तुर्की के सुरक्षाबलों ने सीरिया के रस अल-ऐन शहर पर कब्जा जमा लिया है। अब खबर है कि तुर्की की सेना ने सीरिया के एक और सीमावर्ती कस्बे पर कब्जा जमा लिया है।

बता दें कि भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत दुनिया के तमाम देशों ने तुर्की की इस सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। इसके बाद भी तुर्की ने अभी इस हमले से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।

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तुर्की ने कुर्द लड़ाके के खिलाफ सीरिया में बुधवार को हमले शुरू किए थे। तब से अब तक 104 कुर्द सैनिक और 60 आम नागरिक एयर स्ट्राइक में मारे जा चुके हैं। रविवार को तुर्की ने आम नागरिकों के वाहनों पर हमला कर दिया। इसमें फ्रांस की एक टीवी पत्रकार स्टेफनी पेरेज बाल-बाल बच गईं।

स्टेफनी ने बताया कि चैनल के कुछ अन्य सदस्यों की हमले में मौत हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सीरिया में इस हिंसा की वजह से 1,30,000 लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है।

तुर्की कुर्द लड़ाकों को आतंकी मानता है और वह सीरिया सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंक के गलियारे को समाप्त कर एक सुरक्षित जोन बनाना चाहता है। कुर्द इराक, तुर्की और सीरिया में फैले हुए हैं। इन लोगों ने ही इस्लामिक स्टेट(ISIS) के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ दिया है। कुर्दों की कैद में करीब 12 हजार ISIS आतंकवादी है।

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तुर्की के इस आक्रामक कदम के बाद अमेरिका अपने सैनिकों को सीरिया से वापस बुलाने का फैसला वापस ले सकता है। अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने ट्रंप से अपील की है कि वे सीरिया में सेना वापस नहीं बुलाएं। इस पर संसद में एक प्रस्ताव भी रखा जाएगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर तुर्की नहीं सुधरा तो उसे जड़ से मिटा देंगे।

कुर्द लड़ाकों और सीरियाई सेना के बीच समझौते की खबर है। इसके तहत तुर्की के हमले को रोकने के लिए सीरिया की सेना सीमा पर तैनात की जाएगी। तुर्की से लगे सीरिया के बॉर्डर पर कुर्दों का बोलबाला है। इसी क्षेत्र को तुर्की निशाना बना रहा है।

कुर्द और सीरिया की राष्ट्रीय सेना के बीच हुए समझौते के बाद सीरिया की सेना रास-अल-आइन शहर में पहुंच गई है। असीरिया और कुर्द विद्रोहियों के बीच समझौता कराने के लिए रूस सक्रिय रहा है। सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल अशद रूस के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं।

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भारत में सीरिया के राजदूत रियाद अब्बास ने कहा कि सीरिया की सरकार और लोग भारत के इस रुख की सराहना करते हैं कि वह सीरिया पर किसी विदेशी हमले के खिलाफ है और सीरिया पर तुर्की की आक्रामकता के खिलाफ है। हम भारत के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं, जिसकी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में मजबूत आवाज है।

उन्होंने कहा है कि तुर्की आतंक की पैरवी करने वाला मुल्क है और जो भी तुर्की को सपोर्ट करते हैं वो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। बता दें कि पाकिस्तान ने तुर्की के इस कदम का सपोर्ट किया है।

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