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राम मंदिर विवाद: मुस्लिम पक्ष का आरोप, सिर्फ हमसे ही क्यों सवाल? हिंदू पक्ष से नहीं

सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद को लेकर सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के लिए 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करने की समयसीमा तय कर दी है। इसके तहत सोमवार को मुस्लिम पक्ष को अपनी दलीलें खत्म करनी हैं, लेकिन उसके वकील राजीव धवन ने कोर्ट से डेढ़ घंटे का का वक्त मांगा है।

Dharmendra kumar
Published on: 12 Aug 2023 3:33 PM GMT
राम मंदिर विवाद: मुस्लिम पक्ष का आरोप, सिर्फ हमसे ही क्यों सवाल? हिंदू पक्ष से नहीं
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद को लेकर सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के लिए 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करने की समयसीमा तय कर दी है। इसके तहत सोमवार को मुस्लिम पक्ष को अपनी दलीलें खत्म करनी हैं, लेकिन उसके वकील राजीव धवन ने कोर्ट से डेढ़ घंटे का वक्त मांगा है। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने धवन से कहा कि वह आज ही अपनी दलील पूरी करें।

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बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर की संविधान पीठ राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई कर रही है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन ने अपनी दलील रखते समय ऐसी टिप्पणी की जिसपर हिंदू पक्ष ने सवाल खड़े किए।

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राजीव धवन ने कोर्ट से कहा कि दिलचस्प बात यह है कि इस केस की सुनवाई के दौरान सवाल हमसे ही किये जाते हैं कभी दूसरे पक्ष से सवाल नहीं किया जाता है। जिसपर हिंदू पक्ष ने आपत्ति जताई।

राजीव धवन ने कोर्ट में कहा कि मैंने सुनवाई के दौरान एक बात नोटिस की है कि आपके सभी सवाल मुझसे ही होते हैं, उनसे (हिंदू पक्ष) कोई सवाल नहीं होते हैं। लॉर्डशिप आप उनसे भी कुछ सवाल कर सकते हैं।

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धवन की इस दलील पर राम लला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कड़ी आपत्ति जताई। सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि यह पूरी तरह गलत बयान है, ऐसा कहने की जरूरत नहीं है।

इसपर राजीव धवन ने कहा कि कि ये बिल्कुल भी गलत नहीं है, मैं जवाब देने के लिए बाध्य हूं। लेकिन सभी सवाल मुझसे ही क्यों हो रहे हैं?

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धवन ने यह टिप्पणी उस समय की जब कोर्ट ने कहा कि विवादित स्थल पर लोहे की ग्रिल लगाने का मकसद बाहरी बरामदे से भीतरी बरामदे को अलग करना था।

राजीव धवन के इस बयान को कोर्ट ने पूरी तरह से इग्नोर कर दिया और कहा कि आप सिर्फ उन सवालों का जवाब देते हैं, जो हम पूछते हैं।

गौरतलब है कि अयोध्या केस की सुनवाई का सोमवार को 38वां दिन है और मुस्लिम पक्ष की दलील का ये आखिरी दिन है।

Dharmendra kumar

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