Russia Ukraine War: रूस में तेज हुआ यूक्रेन पर हमले का विरोध, पुतिन के खिलाफ हजारों लोग सड़क पर उतरे
Russia Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई का पूरी दुनिया में व्यापक विरोध किया जा रहा है। वहीं, मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग के अलावा देश के कई अन्य शहरों में भी काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और पुतिन की आक्रामक नीति का विरोध किया जा रहा है।
Russia Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ रूस (Ukraine-Russia War) की सैन्य कार्रवाई का पूरी दुनिया में व्यापक विरोध किया जा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) को दुनिया के अन्य देशों के साथ ही अपने देश में भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत यूक्रेन पर हमले (Attack on Ukraine) के साथ ही हो गई थी, मगर अब जंग के चार दिन बीतने के बाद रूस के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला काफी तेज हो गया है। राजधानी मास्को (Moscow) और सेंट पीटर्सबर्ग (St. Petersburg) के अलावा देश के कई अन्य शहरों में भी काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और पुतिन की आक्रामक नीति का विरोध किया।
मास्को में 200 लोगों को हिरासत में लिया
सड़कों पर उतरे हजारों लोगों ने पुतिन की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पुतिन हुकूमत की ओर से लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। प्रदर्शन करने वाले करीब साढ़े चार सौ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। पुतिन के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले 200 लोगों को सिर्फ मास्को में ही हिरासत में लिया गया है।
लगातार तेज हो रहा विरोध का स्वर
रूस के राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Vladimir Putin) यूक्रेन को सबक सिखाने की अपनी जिद पर अड़े हुए हैं तो दूसरी ओर उनके अपने ही देश में विरोध के स्वर लगातार तेज होते जा रहे हैं। यूक्रेन (Ukraine War) पर सैन्य कार्रवाई खत्म करने की मांग को लेकर ऑनलाइन पिटीशन भी शुरू की गई है। इस पिटीशन पर शनिवार तक साढ़े सात लाख से अधिक लोग साइन कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि हाल के दिनों में रूस में यह सबसे ज्यादा समर्थित ऑनलाइन पिटीशन है। लोगों का कहना है कि सैन्य कार्रवाई से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है और किसी भी विवाद का निपटारा बातचीत के जरिए ही किया जाना चाहिए।
रूस के 2 बड़े शहरों मास्को और सेंटपीटर्सबर्ग के अलावा देश के अन्य शहरों में भी पुतिन के इस कदम का जोरदार विरोध किया जा रहा है। सड़कों पर उतरे हजारों लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई को तत्काल रोका जाना चाहिए। इन लोगों का कहना था कि पुतिन की जिद के कारण ही दुनिया युद्ध के कगार पर पहुंच चुकी है।
दो सांसद भी पुतिन के कदम के खिलाफ
आम नागरिकों की ओर से ही नहीं बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के दो सांसदों की ओर से भी पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के कदम पर विरोध जताया गया है। इन सांसदों ने हाल में यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्रता देने के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन अब इन सांसदों की ओर से और रूस की सैन्य कार्रवाई का विरोध किया जा रहा है। इन सांसदों का कहना है कि रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई का कदम उठाना काफी हैरानी भरा कदम है।
कम्युनिस्ट सांसद ओलेग स्मोलिन ने कहा कि सैन्य बल का उपयोग आखिरी विकल्प के रूप में ही किया जाना चाहिए। उसके पहले विवाद को हल करने के दूसरे तरीके भी आजमाए जा सकते हैं। सांसद मिखाइल मतवेव ने भी पुतिन के कदम पर विरोध जताते हुए कहा कि युद्ध को तत्काल रोका जाना चाहिए।
दुनिया के अन्य देशों में भी व्यापक विरोध
मास्को स्थित गैरेज म्यूजियम को भी रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ बंद कर दिया गया है। म्यूजियम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब तक हमले की कार्रवाई को बंद नहीं किया जाता तब तक म्यूजियम नहीं खुलेगा। रूस के अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी पुतिन की आक्रामक सैन्य नीति के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, हंगरी, जापान और ब्रिटेन आदि देशों में काफी संख्या में लोगों ने सड़क को पर उतरकर पुतिन की नीति का विरोध किया और युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की।
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