अमेरिका का चीन को अब तक का सबसे तगड़ा झटका, 30 सालों में पहली बार हुआ ऐसा
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वॉर पर अब रोक लगती दिखाई दे रही है, लेकिन जिसकी वजह से चीन को काफी नुकसान हुआ है। दोनों देशों में ट्रेड वॉर की वजह से चीन को 30 सालों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वॉर पर अब रोक लगती दिखाई दे रही है, लेकिन जिसकी वजह से चीन को काफी नुकसान हुआ है। दोनों देशों में ट्रेड वॉर की वजह से चीन को 30 सालों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
चीन में कन्ज्यूमर डिमांड काफी कम हो गई, जिसकी वजह से 2019 में जीडीपी बढ़ने की रफ्तार तीन दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। 30 साल में पहली बार चीन की जीडीपी सिर्फ 6.1% की रफ्तार से बढ़ी है।
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में जीडीपी की दर 2018 के 6.6 फीसदी से भी नीचे आ गई, जो पहले ही 1990 के बाद का न्यूनतम स्तर था। दिसंबर महीने में खत्म हुई तिमाही के लिए ग्रोथ की रफ्तार 6 प्रतिशत पर बनी रही। सितंबर तिमाही में भी चीनी अर्थव्यवस्था के बढ़ने की यही रफ्तार दर्ज की गई थी।
यह भी पढ़ें...पाक चोरी-चोरी कर रहा ये खतरनाक काम, अमेरिका ने पकड़ा, दुनिया में मचा हड़कंप
चीन के ट्रेड सरप्लस और टेक्नोलॉजी से जुड़े हितों को लेकर चीन और अमेरिका के बीच लड़ाई में अमेरिका ने टैरिफ बढ़ा दिया था, जिसकी वजह से चीनी निर्यातकों पर असर पड़ा है। हालांकि पूरी चीनी इकॉनमी पर कई एक्सपर्ट्स के अनुमानों से कहीं कम असर देखने को मिला है।
यह भी पढ़ें...नहीं बचेंगे निर्भया के दोषी: राष्ट्रपति ने सुनाया ये फरमान
इतना नुकसान के बाद चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर पर विराम लगने का संकेत मिला है और दोनों ने पहले फेज की ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ बढ़ोतरी को कैंसल करने और चीन द्वारा अमेरिकी फार्म एक्सपोर्ट की खरीदारी रकी प्रतिबद्धता पर सहमति बनी है। दोनों ओर से पहले से लागू टैरिफ बढ़ोतरी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें..जामा मस्जिद पर बढ़ाई गई सुरक्षा, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कही ऐसी बात
2019 के लिए विकास दर चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक लक्ष्य के मुताबिक है, लेकिन नीचे की ओर। लक्ष्य 6-6.5% का रखा गया था, जो दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में 6% दर्ज हुई थी। साल 2019 मे ग्राहक खर्च, निवेश और फैक्ट्री आउटपुट, सभी कमजोर हुए।