ईरानी हमले का बड़ा खुलासा: ये सच आपको हैरान कर देगा

ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसका बदला लेने के लिए ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर करीब दो दर्जन मिसाइलें (22 मिसाइलें) दागी थीं।

Update: 2020-01-09 07:24 GMT
ईरानी हमले का बड़ा खुलासा: ये सच आपको हैरान कर देगा

बगदाद: ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसका बदला लेने के लिए ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर करीब दो दर्जन मिसाइलें (22 मिसाइलें) दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि इस हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं, लेकिन बुधवार को ट्रंप ने ईरान के दावों को खारिज कर दिया। ट्रंप ने कहा कि इस हमले में किसी भी अमेरिकी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा है।

ऐसे में सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि तो क्या फिर ईरान ने अपने नागरिकों से झूठ बोला? क्या ईरान ने केवल अमेरिका को डराने के लिए मिसाइल हमला किया था? या फिर ईरान ने सोच समझकर हमला किया था कि इसमें किसी भी अमेरिकी सैनिक को नुकसान न पहुंचे। इस हमले के बाद इराकी सेना ने भी ये कहा है कि इस हमले से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है।

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क्या था असली उद्देश्य

हमले में अमेरिका के दो एयर बेस आइन अल असद और इरबिल पर पांच मिसाइलें दागी गई थीं। ईरान की एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एयरबेस पर फतेह-313 और कियम मिसाइल से निशाना साधा गया था, हालांकि हमले में कोई अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ। अमेरिकी आर्मी के जनरल मार्क मिले का कहना है कि, इस हमले के पीछे का उद्देश्य सेना की गाड़ियों और उनके सामानों को नुकसान पहुंचाना था।

उन्होंने कहा कि, मैंने जो देखा और जो मुझे पता है उसके आधार पर इस हमले का उद्देश्य स्ट्रक्चर डैमेज करना, वाहनों, उपकरणों और विमानों को नष्ट करना था और कर्मियों को मारना था। उन्होंने कहा कि ये मेरा व्यक्तिगत मूल्यांकन है।

नेट लैब की ओर से जारी की गई तस्वीरें

रिपोर्ट्स के मुताबिक, देर रात अमेरिकी एयर बेस आइन अल असद पर ईरान ने 17 मिसाइलें दागी गई थीं। अब ईरान द्वारा किए गए इस हमले की सेटेलाइट तस्वीरें भी आ गई हैं। इन तस्वीरों को . मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के लिए प्लानेट लैब की ओर से जारी किया गया है।

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यहां गिरे मिसाइल

इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि अल असद एयरबेस के पास पांच स्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया। जबकि वहीं पर ऐसे भी कई निशाने साधे गए थे, जो बेकार थे और हमले से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। वहीं एक मिसाइल अल असद से करीब 40 किलोमीटर दूर एख गांव में गिरा था। वहीं एक मिसाइल इरबिल से तकरीबन 47 किलोमीटर दूर गिरा था।



क्यों किया ऐसा

बताया जा रहा है कि ईरान ने ऐसा जानबूझकर किया है, क्योंकि वो अमेरिका के साथ सीधे तौर पर जंग नहीं चाहता और केवल अमेरिका को डराने के लिए ये हमला किया गया था। हालांकि अमेरिका ने तुरंत बाद कहा कि, ऑल इज वेल (सब ठीक है)। अमेरिका के कई सीनियर पत्रकार ये भी दावा कर रहे हैं कि ईरान ने जानबूझकर ऐसे जगह मिसाइल दागे जहां कम नुकसान हो।

अलार्म सिस्टम से बची सैनिकों की जानें

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, अमेरिका को कई घंटे पहले ही इन मिसाइल अटैक की भनक लग गई थी। बताया जा रहा है कि अमेरिका को हमले की जानकारी सैटेलाइट से मिली थी। जानकारी होते ही अमेरिकी सैनिक बंकर में घूस गए। ट्रंप ने भी बताया कि हमले से पहले अलार्म सिस्टम बज गए थे, जिससे सैनिकों की जान बच गई।

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