Video: नीति ही नहीं नीयत से भी काम करे मोदी सरकार, तभी जनता करेगी भरोसा

आज कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने वैश्विक मीडिया में जब हमारी पोल खोल कर रख दी है। तब हमें....

Written By :  Yogesh Mishra
Published By :  Aman Deepankar
Update: 2021-05-18 16:02 GMT

Y-Factor (Yogesh Mishra) : कल तक जब हमारे देश और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लेकर वैश्विक मीडिया में सकारात्मक छपता था। तह हम इतराते थे। हम फूले नहीं समाते थे। लेकिनआज कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर ने वैश्विक मीडिया में जब हमारी पोल खोल कर रख दी है। तब हमेंवैश्विक मीडिया को भारत विरोधी, मोदी विरोधी नज़रिये से केवल देख कर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए । भारतीय मीडिया के गोदी व मोदी के खाँचों में बंट जाने के चलते ही वैश्विक मीडिया को यह स्पेस हासिल हुआ है।आज़ादी की लड़ाई से लेकर आज तक शायद ही कोई ऐसा नेता हो जिसे मीडिया से शिकायत न रही हो।

शायद की कोई ऐसा नेता या राजनीतिक दल हो जो गोदी मीडिया बनाना न चाहता हो। पर यह पहली मर्तबा है कि मीडिया से जनता का विश्वास उठ रहा है। इसकी बानगी कोरोना काल में हुई रिपोर्टिंग में दिखती है।भारत में कोरोना की दूसरी व संघातिक लहर को लेकर लासेंट जर्नल ने जो कुछ लिखा है वह ग़लत नहीं है।उसने चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। हालाँकि यह भी सच है कि जो कुछ भी लासेंट में कहा गया है उसका अहसास भारत के तमाम लोगों को है। तभी तो सोशल मीडिया लासेंट जर्नल से मिली जुली प्रतिक्रियाओं से पटा पड़ा है।

प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल 'द लेंसेट' ने देश में व्याप्त मौजूदा कोरोना संकट के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। हालाँकि राज्य सरकारें भी कम ज़िम्मेदार नहीं हैं। क्योंकि केंद्र व राज्य सरकारों ने न केवल कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन की अनुमति दी बल्कि विधानसभा व पंचायत चुनाव भी कराये। सरकारी मशीनरी के चुनाव में फँसे रहने के चलते एक तो वैक्सीनेशन का कैंपेन भी धीमा पड़ा। दूसरे, कोविड-19 की रोकथाम से जुड़े नियमों को पूरी तरह ताक पर रख दिया गया।

बाकी की जानकारी के लिए देखें वीडियो...  

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