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कुंडली में शनि का ये स्थान, जातक को बनाता है लालची, जानें और भी बात...

जातक की कुंडली में शनि जिस भाव में है, उसकी स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-दुख मिलते हैं। जानिए  कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार जातक के लिए ग्रह शुभ है या अशुभ…...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 22 Sep 2020 2:21 AM GMT
कुंडली में शनि का ये स्थान, जातक को बनाता है लालची, जानें और भी बात...
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जातक की कुंडली में शनि जिस भाव में है, उसकी स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-दुख मिलते हैं। जानिए  कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार जातक के लिए ग्रह शुभ है या अशुभ…...

जयपुर: विवाह का मांगलिक प्रसंग हो या परिवार में नन्हे मेहमान के आगमन की खुशी, भारतीय परिवारों में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ही सभी कार्य संपन्न होते हैं वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रह हैं जिन्हें नवग्रह कहा जाता है। इसमें सूर्य और चंद्रमा को भी ग्रह माना जाता है। इसके अलावा मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु-केतु भी इनमें शामिल हैं। हालाँकि राहु और केतु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। हर का जातक की कुंडली में महत्व होता है। अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी क्रम में जातक की कुंडली में शनि जिस भाव में है, उसकी स्थिति के अनुसार जीवन में सुख-दुख मिलते हैं। जानिए कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार जातक के लिए ग्रह शुभ है या अशुभ…...

शनि अशुभ फल

*शनि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि प्रथम भाव में है, वह व्यक्ति सुखी जीवन जीने वाला होता है। अगर इस भाव में शनि अशुभ फल देता है तो व्यक्ति रोगी, गरीब और गलत काम करने वाला हो सकता है।

लालची व विदेश से धन लाभ

* जातक के लिए दूसरे भाव में शनि हो तो व्यक्ति लालची हो सकते हैं। ऐसे लोग विदेश से धन लाभ कमाने होते हैं।

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व्यक्ति संस्कारी

*कुंडली में शनि तृतीय भाव में हो तो व्यक्ति संस्कारी, सुंदर शरीर वाला थोड़ा आलसी होता है।

kundali सोशल मीडिया से फोटो

बीमार और दुखी

*चतुर्थ भाव में शनि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में है, वह जीवन में अधिकतर बीमार और दुखी रहता है।

परेशानी हावी

*जब शनि कुंडली में पंचम भाव का शनि हो तो व्यक्ति दुखी रहता है और दिमाग से संबंधित कामों में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

खाने का शौकीन

*जब शनि व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में है, वह जातक सुंदर, साहसी और खाने का शौकीन होता है।

बीमारियों से परेशान

*सप्तम भाव में शनि सप्तम भाव का शनि होने पर व्यक्ति बीमारियों से परेशान रहता है। गरीब का सामना करता है लोगों के वैवाहिक जीवन में अशांति रहती है।

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kundalli सोशल मीडिया से फोटो

सफलता आसान नहीं

*अष्टम भाव में शनि होने पर व्यक्ति किसी भी काम में आसानी से सफल नहीं हो पाता है। जीवन में कई बार भयंकर उतार-चढ़ाव आते हैं।

पैसों की कमी

*ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में नवम भाव में शनि है, धर्म-कर्म में विश्वास नहीं करता है। इनके जीवन में अधिकतर पैसों की कमी बनी रहती है।

धन सम्मान

*दशम भाव में शनि होने पर व्यक्ति धनी, धार्मिक होता है। ऐसे लोगों को नौकरी में कोई ऊंचा पद मिलता है।

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कल्पनाशील

*शनि जिसकी कुंडली के ग्याहरवें भाव में शनि है, वह लंबी आयु वाला, धनी, कल्पनाशील, स्वस्थ इन्हें सभी सुख मिलते हैं।

शांत मन वाला

*द्वादश भाव में शनि बाहरवें भाव में शनि होने पर व्यक्ति अशांत मन वाला होता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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