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ये दीपावली लायेगी सबके जीवन में खुशियां, बन रहा दुर्लभ संयोग
इस बार दिवाली कई सालों बाद दिवाली शनिवार को मनाई जाएगी। यह बेहद दुर्लभ संयोग है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनिवार और शनि का स्वराशि मकर में होना सभी के लिए लाभकारी रहेगा।
नीलमणि लाल
लखनऊ: दीपों का पर्व होने के कारण दिवाली बहुत ही सुंदर त्योहार है। यह ठंड की शुरुआत का उत्सव भी है। दिवाली दरअसल पांच पर्वों का त्योहार है जो पांच दिनों तक मनाया जाता है। कार्तिक माह की त्रयोदशी से शुक्ल द्वितिया तक यह त्योहार मनाया जाता है जिसमें कार्तिक माह की अमावस्या को मुख्य दिवाली पर्व होता है। यूं कहें कि धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है।
दुर्लभ संयोग
इस बार दिवाली कई सालों बाद दिवाली शनिवार को मनाई जाएगी। यह बेहद दुर्लभ संयोग है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनिवार और शनि का स्वराशि मकर में होना सभी के लिए लाभकारी रहेगा। इसके अलावा 17 साल बाद दिवाली सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसके पहले ऐसा शुभ मुहूर्त साल 2003 में बना था।
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कार्तिक माह की अमावस्या इस साल 15 नवम्बर को है। ज्योतिषियों के मुताबिक 12 नवम्बर को रात 9 बजकर 30 मिनट से त्रयोदशी प्रारम्भ हो जाएगी और यह 13 नवम्बर की शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इसके बाद 14 नवम्बर को 1 बजकर 16 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी और वहां से अमावस्या लागू हो जाएगी। इस वजह से 14 नवम्बर को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा और दिवाली भी इस दिन मनाई जाएगी। हालांकि दान और स्नान 15 नवम्बर को ही किये जा सकेंगे। धनतेरस त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर 2020 की रात 09:30 बजे से लग रही है और 13 नवंबर तक रहेगी।
15 नवंबर 2020 को गोवर्धन पूजा होगी और अंतिम दिन 16 नवंबर को भाई दौज या चित्रगुप्त जयंती मनाई जाएगी। दरअसल इस बार पंचांग के अनुसार द्वितीय तिथि नहीं है जिसके कारण तिथि घट रही हैं।
दिवाली पूजा मुहूर्त
दिवाली के लिए इस बार पूजा के लिए शाम में ही मुहूर्त बताया गया है। शाम के 5 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट का मुहूर्त सबसे उत्तम माना गया है। इस शुभ मुहूर्त के समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है। इस बार छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली की तिथि एक ही दिन पड़ने को शुभ माना जा रहा है। इस बार 14 नवंबर को दोपहर दो बजकर 18 मिनट तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : 14 नवंबर की शाम 5:28 से शाम 7:24 तक।
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त : 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक।
प्रदोष काल मुहूर्त : 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात 8:12 तक।
वृषभ काल मुहूर्त : 14 नवंबर की शाम 5:28 से रात 7:24 तक।
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चौघड़िया मुहूर्त
दोपहर: 14 नवंबर की दोपहर 02:17 से शाम को 04:07 तक।
शाम: 14 नवंबर की शाम को 05:28 से शाम 07:07 तक।
रात्रि: 14 नवंबर की रात 08:47 से देर रात 01:45 तक।
प्रात:काल: 15 नवंबर को सुबह 05:04 से 06:44 तक।
गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त : 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक।
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक।
वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से रात्रि 7:24 तक।
सिंह लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की मध्य रात्रि 12:01 से देर रात 2:19 तक।
व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:09 से शाम 04:05 तक।