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Toyota Innova Ethanol: बहुत जल्द ही सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी एथेनॉल से चलने वाली कारें, 29 अगस्त को होगी लॉन्च

Toyota Innova Ethanol Price: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि 29 अगस्त को वह टोयोटा की 100 प्रतिशत एथेनॉल-ईंधन से चलने वाली इनोवा कार का अनावरण करने जा रहें हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 26 Aug 2023 2:02 PM IST
Toyota Innova Ethanol: बहुत जल्द ही सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी एथेनॉल से चलने वाली कारें, 29 अगस्त को होगी लॉन्च
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TToyota Innova Ethanol Price (Photo: Social Media)

Toyota Innova Ethanol Price: पर्यावरण प्रदूषण वैश्विक पटल पर मौजूदा वक्त की एक विकट समस्या बन चुका है। इस समस्या से उबरने के लिए प्रत्येक देश और राज्य अपने -अपने स्तर कई तरह के समाधानों पर काम कर रहा है। जिसके अंतर्गत ऑटो सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों का शामिल होना एक वृहद स्तर का प्रयास साबित हुआ है। पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले ईधन के उलट पर्यावरण अनुकूल ईंधन विकल्पों की खोज पर उन्हें चलन में शामिल करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप अब हमारे सामने ऐसे कई विकल्प मौजूद हैं। जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों को सफलता पूर्वक चलन में लाने के बाद अब पर्यावरण अनुकूल ईधन विकल्पों में एथेनॉल फ्यूल भी शामिल हो चुका है।

अब आपको जल्द ही एथेनॉल से चलने वाली कारें सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि 29 अगस्त को वह टोयोटा की 100 प्रतिशत एथेनॉल-ईंधन से चलने वाली इनोवा कार का अनावरण करने जा रहें हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में मिंट सस्टेनेबिलिटी समिट को संबोधित करते हुए कहा, "29 अगस्त को मैं 100 प्रतिशत एथेनॉल पर लोकप्रिय (टोयोटा) इनोवा कार लॉन्च करने जा रहा हूं।यह कार दुनिया की पहली BS-VI (स्टेज-II), इलेक्ट्रीफाइड फ्लेक्स-फ्यूल कार होगी।"

पर्यावरण प्रदूषण की चुनौती से उबरने के लिए पर्यावरण अनुकूल वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले और हरित वाहनों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री ने पिछले साल भी हाइड्रोजन से चलने वाली कार टोयोटा मिराई को हरी झंडी दिखाई थी।

हमें वायु और जल प्रदूषण को कम करने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री ने पर्यावरण की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जागरूकता पैदा करने की पहल पर जोर देते हुए कहा कि, मानव जीवन के लिए प्रकृति और पर्यावरण बहुत महत्वपूर्ण अंग है। ऐसे में प्रदूषण का शिकार हो रहे वायु और जल को इस समस्या से बचाने की महती आवश्यकता है। हमें अपने व्यक्तिगत प्रयासों से अपनी नदियों में पानी की गुणवत्ता में सुधार करना होगा, जिनका लगातार प्रदूषित होता जल स्तर आज के वक्त की एक बड़ी चुनौती बन चुका है। उन्होंने कहा, हमें अपनी प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करने की सबसे ज्यादा अवश्यकता है। अपने इस संबोधन के साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 65,000 करोड़ रुपये की विभिन्न सड़क परियोजनाएं इस साल के अंत तक पूरी होने की संभावनाएं स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहीं हैं। जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण भी शामिल है।

कचरे को धन में बदलने के लिए लोगों को शिक्षित करने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा, हमें कचरे को धन में बदलने के लिए लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के हानिकारक प्रभाव पर बल देते हुए कहा कि इससे कैंसर जैसी बीमारियाँ होती हैं, जबकि जैविक खेती बहुत सारी संपत्ति पैदा कर सकती है और हमें आर्थिक स्थिरता प्रदान कर सकती है।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि अधिक राजमार्गों के निर्माण से लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 14 से 16 प्रतिशत से घटकर नौ प्रतिशत हो जाएगी।

तेल आयात को शून्य पर लाने की जरूरत

पर्यावरण की समस्या से उबरने के लिए पर्यावरण अनुकूल ईंधन विकल्पों को अपनाने पर जोर देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, 2004 में देश में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद बायो फ्यूल की दिशा में तेज़ी से काम किया जा रहा है, इसके लिए उन्होंने बारीकी से इस मॉडल पर काम करने के लिए ब्राजील का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि यह ईंधन पर्यावरण संरक्षण में तो चमत्कार कर ही सकता है और साथ में पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बड़ी मात्रा में भी न्यूनता ला सकता है।

अगर हमें आत्मनिर्भर बनना है तो हमें तेल आयात को शून्य पर लाना ही होगा। फिलहाल देश इसपर 16 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है, जो कि यहां की अर्थव्यवस्था के लिए एक भारी क्षति है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण की चुनौती से उबरने के लिए भारत को और अधिक मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। हाल में देखे जा रहे प्राकृतिक क्षरण के बाद इस बाद का साफ साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब देश में प्रदूषण की स्थिति अपने चरम पर पहुंच चुकी है और हमें और ज्यादा मजबूत उपायों को अपनाने की जरूरत है।



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