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दिल्ली मेट्रो से छंटनी हुए युवक को आगे कर बोले राहुल, बिहार में नहीं होता ऐसा
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में प्रचार की शुरुआत पश्चिमी चंपारण से करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में प्रचार की शुरुआत पश्चिमी चंपारण से करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। प्रदेश में बेरोजगारी को मुद्दा बना रहे राहुल ने रैली में आए एक युवक को आगे कर कहा कि अगर बिहार में मेट्रो रेल सेवा होती तो इसके जैसे हजारों युवकों को दिल्ली, मुंबई रोजगार के लिए नहीं जाना पड़ता।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना
विधानसभा के पहले चरण की 71 सीटों पर बुधवार को मतदान कराया जा रहा है। इस बीच राहुल गांधी ने दो रैलियों के साथ दूसरे चरण के प्रचार की शुरुआत की। पश्चिमी चंपारण में उनकी पहली रैली हुई है। बेरोजगार युवाओं के दर्द पर हाथ रखते हुए राहुल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की। बेरोजगारी के लिए दोनों नेताओं को जिम्मेदार बताया।
उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, बेंगलूरू में नौकरी मिल रही है लेकिन बिहार में नौकरी नहीं है। क्योंकि नरेंद्र मोदी और नीतिश कुमार की नीतियां बेरोजगार युवाओं के हित में नहीं हैं।
मोदी जी ने नौकरी से निकाल दिया
रैली में मौजूद युवक दीपक गुप्ता को आगे कर राहुल ने बेरोजगारी की समस्या को दर्शाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि इस युवक को मोदी जी ने नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद उन्होंने दीपक गुप्ता से पूछा कि वह दिल्ली में क्या काम करता था तो युवक ने बताया कि वह दिल्ली मेट्रो में नौकरी कर रहा था।
इस पर राहुल ने कहा कि अगर बिहार में मेट्रो रेल सेवा होती तो आज यह युवक बेरोजगार नहीं होता। इसे दिल्ली में अपनी कार्य कुशलता के लिए नौकरी मिल सकती है लेकिन बिहार में नहीं मिलेगी क्योंकि यहां काम करने वालों के लिए रोजगार नहीं है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा दोनों ही बेरोजगार युवाओं से झूठ बोलते हैं ।
फोटो-सोशल मीडिया
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प्रधानमंत्री मोदी ने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन उन्होंने किसी को रोजगार नहीं दिया। यहां हजारों बेरोजगार युवा बैठे हैं अगर वह यहां आकर दो करोड़ रोजगार की बात करें तो शायद यह भीड़ उन्हें भगा देगी।
राहुल ने आगे कहा कि लेकिन हम लोग रोजगार देना जानते हैं। तमाम विकास का कार्य करना भी जानते हैं लेकिन हमारे अंदर एक कमी है। हम झूठ बोलना नहीं जानते। इस मामले में हमारा कोई मुकाबला उनके साथ नहीं है।
मजदूरों को पैदल चलने के लिए मजबूर किया
लॉक डाउन के दौरान महानगरों से मजदूरों और कामगारों के पलायन को मुद्दा बनाते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों को पैदल भागने के लिए मजबूर किया। उन्होंने मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया कि वह अपने घर आसानी से लौट सकें।
अगर मजूदरों को मौका दिया जाता तो वह रेल-बस से वापस लौट सकते थे लेकिन मोदी ने सब बंद कर दिया और मजदूरों को पैदल भागने के लिए मजबूर किया। मजदूरों ने अपनी परेशानी मुझे बताई लेकिन सरकार ने मजदूरों की बात नहीं सुनी।
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चीनी मिलों का मुद्दा भी उठाया
राहुल ने पश्चिमी चंपारण की अपनी रैली में चीनी मिलों का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले इस इलाके में आए थे। यह गन्ने का इलाका है। उन्होंने आप लोगों से चीनी मिल शुरू कराने का वादा किया था और कहा था कि अगली बार आऊंगा तो यहां की चीनी चाय में मिलाकर पिऊंगा।
रैली में मौजूद भीड़ से राहुल ने पूछा कि क्या मोदी जी ने आपके साथ चाय पी? जवाब में लोगों ने कहा नहीं। इस पर राहुल ने मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को बंधुआ मजूदर बनाने की शुरुआत हुई है। पंजाब में पहली बार प्रधानमंत्री और अडाणी के पुतले दशहरा पर जलाए गए हैं। यह दुख की बात है लेकिन ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि किसान परेशान है।
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रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी