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बिहार के नायक का अंत: नहीं रहे पूर्व मुख्यमंत्री, पूरे देश भर में शोक की लहर

बिहार के पू्र्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का दिल्ली में निधन हो गया। सतीश प्रसाद कोरोना से संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था। लेकिन पूर्व सीएम कोरोना से जंग नही जीत पाए और इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गए हैं।

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Published on: 2 Nov 2020 9:00 AM GMT
बिहार के नायक का अंत: नहीं रहे पूर्व मुख्यमंत्री, पूरे देश भर में शोक की लहर
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बिहार के पू्र्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का दिल्ली में निधन हो गया। सतीश प्रसाद कोरोना से संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था।

पटना। बिहार से दुख की खबर आ रही है। बिहार के नायक पू्र्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का दिल्ली में निधन हो गया। सतीश प्रसाद कोरोना से संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था। लेकिन पूर्व सीएम कोरोना से जंग नही जीत पाए और इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गए हैं। सतीश प्रसाद के निधन से बिहार में चुनावों की गरमागर्मी के बीच पूरा माहौल गमगीन हो गया है। बता दें, सतीश प्रसाद सिंह एक भारतीय राजनेता है और बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके है। सतीश प्रसाद सिंह को बिहार के नायक के रूप में जाना जाता था। इन्होंने पूरे 5 दिन तक बिहार का मुख्यमंत्री पद संभाला था। इनकी उम्र 89 साल थी। लेकिन इनके बिहार का मुख्यमंत्री बनने का किस्सा वाकई में बहुत जबरदस्त था।

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पूरे देश में शोक की लहर

पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। सतीश प्रसाद बीते कई दिनों से कोरोना से ग्रसित थे। ऐसे में आज उनका दिल्ली में निधन हो गया। बिहार में चुनावों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से राजनीतिक पार्टियां शोक में डूबी हुई हैं।

बात है सन् 1967 की, जब बिहार में चौथी विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे। उस समय केंद्र में तो कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन राज्यों में कांग्रेस कमजोर पड़ रही थी। ऐसे में 1967 के चुनाव में कांग्रेस बिहार में बहुमत नहीं पा सकी।

Bihar Former Chief Minister Satish Prasad Singh फोटो-सोशल मीडिया

तभी इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। उस समय जनक्रांति दल में रहे महामाया प्रसाद सिन्हा को पहला गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन 330 दिनों तक सत्ता पर काबिज रहने के बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी।

और उसी दौरान संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता सतीश प्रसाद सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए। लेकिन वह पांच दिन में हटा दिए गए। फिर इसके बाद बीपी मंडल को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई, मगर वे भी महज 31 दिन ही सीएम की कुर्सी संभाल सके। तो इस तरह बिहार में कुर्सी तो जमी रही, लेकिन उस कुर्सी पर बैठने वाले बार-बार बदलते रहे।

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कृषि मंत्री का शनिवार रात को निधन

शनिवार को तमिलनाडू के कृषि मंत्री आर दोरईक्कान्नू का निधन हो गया था। 72 साल के आर दोरईक्कान्नू कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहे थे। ऐसे में कावेरी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ. ए सेल्वराज की तरफ से जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया कि मंत्री का शनिवार रात को निधन हो गया।

निदेशक डॉ. सेल्वराज ने कहा, ‘यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि कृषि मंत्री आर दोरईक्कान्नू का शनिवार रात 11.15 बजे निधन हो गया। मुश्किल वक्त में हमारी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उनके परिजन के साथ हैं।’

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सादगी, विनम्रता, साफगोई, शासन कौशल

कृषि मंत्री आर दोरईक्कान्नू को 13 अक्टूबर को तमिलनाडू के विल्लपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से यहां लाया गया था और उसके बाद से उनका यही इलाज चल रहा था। उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

राज्य कृषि मंत्री के निधन पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शोक व्यक्त किया और कहा कि मंत्री के निधन के बारे में जानकर उन्हें दुख हुआ। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘दोरईक्कान्नू अपनी सादगी, विनम्रता, साफगोई, शासन कौशल और किसान समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।’

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