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2 KM ठेला चलाकर नामांकन भरने पहुंचा प्रत्याशी, बोला- बीजेपी वालों ने गाड़ी तोड़ दी
उन्होंने ये भी कहा कि गरीबों का ठेला और रिक्शा ही सहारा है। नामांकन करने के लिए इसी के सहारे हम निकले हैं। केंद्र सरकार ने देश के दलित, गरीब, शोषित पीड़ित सबकी रोजी-रोटी को छीनने का काम किया है।
पटना: बिहार में इस बार कोरोना काल में ही विधान सभा के चुनाव होने जा रहे हैं। विधान सभा चुनाव में उतरने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है।
चुनाव के लिए बिहार में नामांकन भी शुरू हो गया है। वैसे तो चुनाव में नामांकन भरने के लिए नेता ताम-झाम के साथ बड़े –बड़े वाहनों से आते हैं। उनके साथ समर्थकों की लम्बी चौड़ी फ़ौज होती है। गाड़ियों के काफिले को देखकर ही लोग अंदाजा लगा लेते हैं कि कोई प्रत्याशी नामांकन करने के लिए जा रहा है।
लेकिन इस बार बिहार के विधान सभा चुनाव में नामांकन के वक्त एक अलग ही नजारा देखने को मिला। नामांकन भरने आए जन अधिकार पार्टी (जाप) प्रत्याशी रामचंद्र यादव के पीछे न तो काफिले में बड़ी-बड़ी गाड़ियां थी और न ही उनके साथ ज्यादा लोग ही दिखाई दे रहे थे। लोगों की नजर जब उनके उपर गई तो सभी हैरान रह गये।
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जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी रामचंद्र यादव की फोटो(सोशल मीडिया)
कैमूर जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र का है ये मामला
वे पैदल ही 2 किमी ठेला चलाकर अपने मुट्ठी भर समर्थकों के साथ नामांकन करने के लिए कार्यालय पहुंचे थे। ये पूरा वाकया कैमूर जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र का है। रामचंद्र यादव दो किलोमीटर ठेला चलाते हुए अपने समर्थकों के साथ नामांकन करने कार्यालय तक पहुंचे थे।
नामांकन करने से पहले उन्होंने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा पूरे देश को केंद्र सरकार ने सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। दिनोंदिन बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है।
पढ़ें -लिखे युवा बेरोजगारी की वजह से पकौड़ा तलने को मजबूर हैं। लेकिन मोदी सरकार ने तेल मसाला महंगा करके उनसे वो छीन लिया। यह सरकार किसान बिल के माध्यम से सब कुछ बर्बाद चाहती है।
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जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी रामचंद्र यादव की फोटो(सोशल मीडिया)
गरीबों का ठेला और रिक्शा ही सहारा
उन्होंने ये भी कहा कि गरीबों का ठेला और रिक्शा ही सहारा है। नामांकन करने के लिए इसी के सहारे हम निकले हैं।
केंद्र सरकार ने देश के दलित, गरीब, शोषित पीड़ित सबकी रोजी-रोटी को छीनने का काम किया है। भाजपा के गुंडों ने किसान बिल के सवाल पर पटना में मुझे बुरी तरह से मारा-पीटा।
यहां तक की मेरा हाथ भी तोड़ दिया। मेरी गाड़ी भी टूट चुकी है, मेरे पास कुछ नहीं है। न तेल है न पैसा। रामचंद्र यादव कहते हैं हमारे पास तेल नहीं है मगर ठेला है।
गौरतलब है कि रामचंद्र यादव इससे पूर्व में 2005 से 2010 तक बसपा से विधायक रह चुके हैं। इसके बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। फिर आरजेडी में किस्मत आज़माई। जब आरजेडी में इनको नजरअंदाज किया गया तो फिर जन अधिकार पार्टी ज्वाइन की।
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